बिहार के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन में हो रही देरी की शिकायतों को राजभवन सचिवालय बहुत ही गंभीरता से ले रहा है. राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश पर उनके प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू ने कुलपतियों व कुलसचिवों से वेतन और पेंशन की अद्यतन रिपोर्ट बुधवार की शाम 5 बजे तक मांगी गई है. जिसे लेकर मंगलवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है. प्रधान सचिव के निर्देश के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलेरी व पेंशन का भुगतान करना अनिवार्य है. साथ ही प्रधान सचिव ने पटना उच्च न्यायालय के भी उस आदेश का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 3 मई, 2024 तक विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर लगी रोक को हटाने का और वेतन भुगतान करने का आदेश दिया गया था.
विभाग और राजभवन में फिर से तनातनी शुरू
इधर, बिहार में शिक्षा विभाग अब विश्वविद्यालयों के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट की समीक्षा करेगा और आवश्यकतानुसार यूनिवर्सिटी को राशि मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए विभाग ने वित्तीय परामर्शी, कुलपति और कुलसचिव समेत अन्य अधिकारियों की बुधवार को बैठक भी बुलाई गई है. वहीं, गर्मी की छुट्टियों में शिक्षा विभाग के द्वारा कमजोर छात्रों के लिए विशेष अभियान चलाया गया था और स्पेशल क्लासेज दी जा रही थी, लेकिन जैसे ही परीक्षा की बारी आई तो सिस्टम फेल हो गया.
केके पाठक का मिशन दक्ष हुआ फेल!
बता दें कि बुधवार से एग्जाम लिया जाना था, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से किसी प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया. स्कूलों के प्रिंसिपल और संबंधित पदाधिकारी विभाग के आदेश का इंतजार ही कर रहे हैं, लेकिन किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं मिलने की वजह से बुधवार को परीक्षा नहीं हो पाई. परीक्षा नहीं लिए जाने के बाद यहां सवाल यह उठाया जा रहा है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब मिशन दक्ष शुरू किया है तो परीक्षा में सिस्टम कैसे फेल हो गया? क्या शिक्षा विभाग इस गलती से जुड़े पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी?
HIGHLIGHTS
- केके पाठक का मिशन दक्ष हुआ फेल!
- जिम्मेदार पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई
- विभाग और राजभवन में फिर से तनातनी शुरू
Source : News State Bihar Jharkhand