बिहार के आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अच्छी खबर है, अब राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को भी स्कूल के शिक्षक पढ़ाएंगे. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे निर्देश दिए हैं. साथ ही इसको लेकर उन्होंने यह भी कहा है कि, ''जल्द से जल्द सभी आंगनबाडी केंद्रों को नजदीकी स्कूल से टैग किया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर विद्यालय के शिक्षक सप्ताह में एक या दो दिन टैग किये गये केन्द्रों के बच्चों को पढ़ायेंगे. इसे लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केके पाठक ने अधिकारियों को इस काम को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है.''
इसके साथ ही विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि आंगनबाडी केंद्रों को आवश्यकता के अनुसार स्कूल में ही एक या दो कमरे उपलब्ध कराए जाएं, खासकर उन केंद्रों के लिए जो वर्तमान में किराए के भवनों में चल रहे हैं. साथ ही शिक्षा विभाग का कहना है कि, ''प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में आंगनबाडी केन्द्रों को स्थान दिया जायेगा, यदि जगह की समस्या है तो माध्यमिक विद्यालयों में आवश्यकतानुसार एक या दो कमरे आंगनबाडी केन्द्रों को दिये जायेंगे.'' इसके साथ ही बता दें कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पढ़ाने का काम करती हैं, लेकिन जरूरत के हिसाब से स्कूल के शिक्षकों को भी केंद्र के बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा गया है.
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इससे होगा ये फायदा
आपको बता दें कि इस संबंध में विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आंगनबाडी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चे पहली कक्षा से स्कूल जाते हैं. ऐसे में अगर छोटे बच्चे पहले की तरह उसी स्कूल में जाते रहेंगे तो उन्हें पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल मिलेगा, जबकि बच्चे पहली कक्षा में दाखिला लेंगे तो उन्हें स्कूल जाने में कोई झिझक नहीं होगी. साथ ही उन्हें दूसरे बच्चों से सीखने का मौका भी मिलेगा. इसी मकसद से यह फैसला लिया गया है. इसके साथ ही विभागीय अधिकारी बताते हैं कि, अगर स्कूलों में आंगनबाडी केंद्र चलेंगे तो पहली कक्षा में नामांकन भी शत-प्रतिशत होगा.
15 अगस्त तक ट्रांसफर करने का आदेश
इसके साथ ही आपको बता दें कि सभी जिलों को किराए के भवनों में चल रहे आंगनबाडी केंद्रों को नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. इस कार्य को अंजाम देने के लिए जिला और खंड शिक्षा अधिकारी समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने में जुट गए हैं. बता दें कि बिहार में 1 लाख 15 हजार आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से कई केंद्र सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे हैं, जबकि 50 हजार से ज्यादा केंद्र अभी भी किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- के.के. पाठक का नया फरमान
- अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पढ़ाएंगे स्कूल शिक्षक
- जारी किए गए जरूरी निर्देश
Source : News State Bihar Jharkhand