Golden Thief Subodh singh: गोल्डन थीफ के नाम से जाने जाने वाला सुबोध सिंह पिछले 6 साल से पटना के बेउर जेल से बंद था, लेकिन फिलहाल वह पश्चिम बंगाल के बैरकपुर जेल में बंद है. सुबोध सिंह की लूट की कहानी पूरे देश में प्रचलित है. सुबोध सिंह ने एक दो नहीं बल्कि कई सोना लूट की घटनाओं को बिहार समेत कई अलग-अलग राज्यों में अंजाम दे चुका है. 2022 में एसटीएफ की टीम ने सुबोध सिंह को राजधानी पटना से गिरफ्तार किया था. उस समय भी उसके पास से 15 किलो सोना बरामद किया गया था.
सुबोध सिंह पर दर्ज हैं 30 केस
सुबोध सिंह ने बिहार समेत राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश में कई डकैती की और इन सभी राज्यों को मिलाकर गोल्डन थीफ पर करीब 30 केस दर्ज हैं. सिर्फ पटना में 5 और वैशाली में सुबोध सिंह के नाम पर 5 केस दर्ज हैं. गोल्डन थीफ ने पहले छोटी चोरी को अंजाम दिया और फिर धीरे-धीरे उसने अपना एक गैंग तैयार कर लिया. सुबोध सिंह अपने गैंग के सदस्यों को ट्रेनिंग दिया करता था और फिर वह सोने की चोरी को अंजाम देते थे. सुबोध सिंह और उसके गैंग ने मिलकर करीब 300 किलो सोना लूटा.
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देश का सबसे बड़ा Golden Thief सुबोध सिंह
2022 में जब सुबोध सिंह अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए पटना पहुंचा तो उसे पहले से तैनात एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उस समय भी सुबोध सिंह ने करीब 1.5 किलो सोना पहन रखा था और उसके बैग में 15 किलो सोना था. इसके साथ ही उसके बाद से एक देसी कट्टा और एक पिस्टल भी बरामद किया गया था. गिरफ्तार होने के बाद सुबोध सिंह ने एसटीएफ की टीम को भी 50 लाख रुपये का ऑफर दिया था कि वह उसे छोड़ दें, लेकिन सुबोध सिंह को गिरफ्तार कर पटना के बेउर जेल में डाल दिया गया. जेल में रहते हुए भी उसने वहां छोटे-बड़े अपराधियों को लूट की ट्रेनिंग दी और वहां से बाहर आते ही अपराधियों ने कई शोरूम को लूट लिया. सुबोध सिंह और उसके गिरोह के लोग ज्यादातर मण्णपुरम, मुथुट जैसी संस्थानों को अपना निशाना बनाते हैं और एक बार में करीब 15-20 किलो सोना लूट लेते हैं. पटना से सुबोध सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
सुबोध सिंह का गिरोह लूट चुका है 300 किलो सोना
आपको बता दें कि सुबोध सिंह का नाम एक बार फिर से चर्चा में है क्योंकि पूर्णिया में एक ज्वेलरी शोरूम में 2 करोड़ की लूट को अंजाम दिया गया है. जब इस घटना में शामिल अपराधी का पता चला तो इसका संबंध बेऊर जेल से लेकर पश्चिम बंगाल तक मिला. जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें सुबोध सिंह ने अहम भूमिका निभाई है. अब तक पुलिस ने सुबोध के करीब 30 लुटेरों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, जेल में रहकर इस तरह की लूट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. इसे लेकर जेल प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.