मुजफ्फरपुर की शाही लीची अभी तक बाजारों में पहुंच नहीं पाई है. जिसके चलते किसानों के चेहरे मायूस हैं. दरअसल इस बार मौसम में हो रहे अचानक बदलाव के चलते लीची पक ही नहीं पा रही है. ऐसे में लीची प्रेमियों का इंतजार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद एक बार जिसने चख लिया वो भूल नहीं सकता. हर साल गर्मी की दस्तक के साथ ही सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में लीची प्रेमी बाजार छानने लगते हैं. लेकिन इस बार कम बारिश ने लीची के दीवानों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है. क्योंकि अभी तक बाजारों में शाही लीची पहुंच ही नहीं पाई है.
मौसम की मार से मायूस किसान
फलों का राजा भले ही आम हो, लेकिन फलों की महारानी का ताज तो लीची के ही पास है. सबसे रसीले फल के तौर पर जाना जाने वाला ये फल हर किसी की पहली पसंद है. ऊपर से अगर बात शाही लीची की करें तो क्या ही कहने. कोई भी फल शाही लीची का मुकाबला नहीं कर सकता, लेकिन इस बार शाही लीची की राजधानी यानी मुजफ्फरपुर में किसानों के चेहरे मासूम हैं. क्योंकि कम बारिश ने उनकी कमाई पर डाका डाल दिया है. लीची के बागानों इस बार लाली नहीं दिख रही. क्योंकि लीची अभी तक पके ही नहीं है. यही वजह है कि अभी तक शाही लीची बाजारों में नहीं पहुंची है.
बाजारों तक नहीं पहुंच पाई है लीची
शाही लीची की मिठास का विदेशों में भी खूब क्रेज है, लेकिन इस बार किसानों पर मौसम की मार ऐसी पड़ी कि लीची की फसल पक ही नहीं पाई. एक तो कम बारिश ने मुसीबत बढ़ा रखी थी. ऊपर से आंधी तूफान ने भी लीची को और नुकसान पहुंचाया है. किसानों का कहना है कि मौसम में हो रहे अचानक बदलावों के चलते लीची के आकार में भी बदलाव हुआ है. शाही लीची की राजधानी में किसान परेशान हैं. बाजारों तक लीची पहुंच नहीं पा रही. जिन किसानों के लिए कमाई का यही जरिया है उन्हें अब रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है.
HIGHLIGHTS
- इंतहा हो गई... इंतजार की
- कब खत्म होगा शाही लीची का इंतजार?
- मौसम की मार से मायूस किसान
- बाजारों तक नहीं पहुंच पाई है लीची
Source : News State Bihar Jharkhand