बिहार के कुल 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान हुआ. 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक चले इन 46 दिनों के मतदान में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन इसके बाद भी 2024 में लोगों ने 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले नोटा को ज्यादा पसंद किया. जहां 2019 के चुनाव में नोटा को 2 फीसदी वोट मिले थे, तो वहीं 2024 लोकसभा चुनाव में नोटा को 2.08 फीसदी मतदान पड़े. हालांकि अभी तक नोटा को कुल कितने वोट मिले इसकी आधिकारिक पुष्टि चुनाव आयोग द्वारा अंतिम परिणाम जारी करने के बाद ही पता चल पाएगा. इसके साथ ही मौजूदा आंकड़ों में बढ़ोतरी की भी संभावना जताई जा रही है.
बिहार में NOTA का बढ़ा वोट फीसदी
आपको बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में सूबे में मतदाताओं की कुल संख्या करीब 7 करोड़ 56 लाख थी, जिसमें 56.19 फीसदी वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इन आंकड़ों को देखे तो नोटा को करीब सवा 4 करोड़ वोट मिले. सबसे कम नोटा को वोट राजधानी पटना के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में मिले. पाटलिपुत्र में नोटा को 4571 वोट मिले तो वहीं पटना साहिब में 5354, बक्सर में 8 हजार 89 वोट, मुजफ्फरपुर में 6906 वोट नोटा को पड़े.
बिहार में क्यों NOTA को मिले निर्दलीय से ज्यादा वोट?
ज्ञात हो कि इस बार बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों से 497 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. इनमें आधे से अधिक ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी थे, जिन्हें उस लोकसभा सीट पर नोटा से कम या फिर उसके बराबर ही वोट मिले. शहरी क्षेत्रों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में नोटा को ज्यादा वोट मिले हैं. जो आंकड़ें अब तक मिले हैं, उसके हिसाब से सबसे ज्यादा नोटा को वोट गोपालगंज लोकसभा सीट से मिले हैं, जो 42 हजार 713 है. उसके बाद हाजीपुर में 36927, झंझारपुर में 35798, बांका में 34889 व अन्य लोकसभा सीटें जहां नोटा को काफी वोट मिले हैं. वो हैं- समस्तीपुर, सीतामढ़ी, खगड़िया, वैशाली, भागलपुर, शिवहर, वाल्मीकि नगर.
HIGHLIGHTS
- बिहार में NOTA का बढ़ा वोट फीसदी
- NOTA को मिले निर्दलीय से ज्यादा वोट?
- गोपालगंज में सबसे ज्यादा NOTA को वोट
Source :News State Bihar Jharkhand