पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि ऐसा करके वो भाजपा के समक्ष आत्मसमर्पण कर उसकी ‘बी-टीम’ बन गए हैं. सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूण्यतिथि पर पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि मेरे बड़े भाई नीतीश कुमार नागरिकता मुद्दे का विरोध करने वाले असम राज्य के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हैं और असम जाकर इसका विरोध करते हैं पर उनकी पार्टी संसद में इस मुद्दे पर आत्मसमर्पण कर देती है.
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कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार नागरिकता मुद्दे पर किसके साथ हैं, तय नहीं कर पा रहे हैं और उनके पार्टी के नेता इस पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की चर्चा करते हुए कुशवाहा ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर नीतीश, उनकी अच्छी सलाह पर ध्यान नहीं देंगे क्योंकि हम उन्हें अच्छी तरह जानते हैं. किशोर के गलत दल में शामिल होने की बात करते हुए कुशवाहा ने उन्हें उससे बाहर आने की सलाह दी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नागरिकता मुद्दे के जरिए केंद्र पर जानबूझकर एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने का आरोप लगाया. नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों के अलग-अलग तारीखों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने के बारे में महागठबंधन में शामिल कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी दलों को एक ही दिन कार्यक्रम को आयोजित करना चाहिए.
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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी महागठबंधन में शामिल राजद ने 21 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है, जबकि इसी मुद्दे पर वामपंथी दल 19 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे. वाम दलों ने शनिवार को राजद से अपने 'बिहार बंद' कार्यक्रम को 19 दिसंबर कर देने की अपील की है.
Source : भाषा