बारिश नहीं होने से लखीसराय के किसान परेशान हो रहे हैं. खेत में धान का बिचड़ा सुख रहे हैं तो खेत में लगे धान की फसल को बचाने के लिए कुछ किसान किराए पर मशीन लेकर खेती कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर धान का बीज खेत में पानी नहीं मिलने के कारण मर चुका है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में 31 प्रतिशत धान की खेती हुई है. बारिश नहीं हुई तो फसलों को बचाना मुश्किल होगा. किसान काफी मेहनत कर साइकिल से बिजली चलित पंपसेट को अपने खेतों तक ले जा रहे हैं और वहां नाले के पानी में पंप सेट लगाकर अपने खेतों तक पानी पहुंचा रहे हैं.
मेहनत के बावजूद धान की फसल आने की आशंका है. वहीं किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि कम से कम सरकार के द्वारा पंप चलाए जाए खेत में पानी का पटवन हो सके. कई किसान मोटर पंप के सहारे खेतों में पानी पहुंचा कर धान की फसल लगाने की तैयारी ही कर रहे हैं और बारिश का इंतजार कर रहे हैं. जिले में बारिश ना होने की वजह से इस साल खेती ना के बराबर हुई है. तकरीबन 31 फीसदी भी धान रोपनी नहीं हो पाई है, जिसको लेकर किसान बहुत चिंतित हैं.
किसानों की सरकार से यह मांग है कि जिला को सुखाड़ घोषित कर दिया जाए. वहीं किसान ने बताया कि यदा-कदा विद्युत उपकरण के द्वारा सिंचाई कर खेती की गई है. सरकार द्वारा संचालित पंप पानी नहीं देता है. किसान किसी तरह नाले या पेन में बिजली मोटर पम्प या डीजल पंप के सहारे खेत तक पानी पहुंचा रहे हैं, लेकिन बारिश ना होने के कारण जो रोपाई की गई है, वह भी खत्म होने के कगार पर है. किसानों की मांग पर डीएम ने कहा कि जिले में बारिश नहीं होने से किसान का फसल नहीं लग पाया है. अभी तक 50 प्रतिशत ही धान रोपनी की जानकारी है. सरकार के निर्देश पर ही कुछ कहा जाएगा.
Source : News Nation Bureau