गया में पिछले 2 वर्षों के बाद इस बार विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन किया गया है. जिला प्रशासन की मानें तो इस बार करीब 10 लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. चूंकि कोरोना की वजह से विष्णुपद मंदिर बंद पड़ा था और तीर्थयात्री गया पिंडदान करने नहीं पहुंच पाए थे. जिस वजह से इस बार पितृपक्ष मेला में भारी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. पितृपक्ष मेले के आयोजन की वजह से गया शहर की आबादी दोगुनी हो जाती है. सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बताया कि 10 लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. इस हिसाब से गया शहर में होटल व्यवसाय और पंडा जी का दक्षिणा छोड़कर करीब 200 से 300 करोड़ रुपए का व्यवसाय होनी की संभावना है.
सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से गया का व्यवसाय ठप्प पड़ा था. पितृपक्ष मेला के आयोजन होने से व्यवसायियों की स्थिति थोड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद है. जो तीर्थयात्री आए हैं, वे आटा, मैदा, बर्तन, गहना, किराना आदि सामान की खपत तो बढ़ी है. इसके साथ ही अच्छा व्यवसाय होने की संभावना है. वहीं सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव अनूप केडिया ने बताया कि गया शहर की पूरी अर्थव्यवस्था तो नहीं सुधरेगी, लेकिन हां व्यवसायियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. 2 वर्षों से व्यवसाय मंदा है. अगर एक तीर्थयात्री गया में 300 रुपए भी खर्च करता है और 10 लाख तीर्थयात्री आते हैं तो करीब 300 करोड़ रुपए का व्यवसाय होगा.
Source : News Nation Bureau