राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया है कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में टूट तय है।
रघुवंश प्रसाद के इस बयान पर न केवल बिहार की राजनीति गरमा गई, बल्कि एनडीए के नेताओं ने उन्हें आरजेडी में होने वाली टूट को बचाने की सलाह तक दे दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने यहां सोमवार को कहा कि एनडीए में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और जद (यू) के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी समेत राजग के कई नेता राजद के संपर्क में हैं।
सिंह ने कहा कि 'हम' और रालोसपा के नेता एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जद (यू) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने रांची भी गए हैं। उन्होंने दावा किया, 'ये सभी नेता कभी भी हमलोगों के साथ आ सकते हैं।'
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी रघुवंश प्रसाद के बयान पर सहमति जताते हुए कहा, 'आने वाले वक्त में हम और रालोसपा के नेता राजद ज्वाइन कर सकते हैं। इन दोनों दलों के कार्यकर्ता अब बीजेपी के साथ नहीं रहना चाहते।'
राजद नेताओं के इस बयान पर एनडीए नेताओं ने भी पलटवार किया है। एनडीए में शामिल 'हम' प्रमुख मांझी ने राजग में किसी प्रकार की टूट से इनकार करते हुए कहा, 'रघुवंश सिंह अपनी पार्टी में कोई आधिकारिक नेता नहीं हैं। मैं उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेता। मैं अपनी पार्टी का अध्यक्ष हूं। रघुवंश सिंह खुद मेरे संपर्क में हैं और मेरी पार्टी में आने वाले हैं।'
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बीजेपी के विधायक नितिन नवीन ने भी कहा कि आरजेडी में संभावित टूट को बचाने के लिए आरजेडी के नेता ऐसा बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व में कोई भी आरजेडी का वरिष्ठ नेता काम करना नहीं चाहता, ऐसे में वहां खलबली मचने वाली है।
जद (यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि जैसे बिल्ली छींका टूटने के इंतजार में रहती है, वैसे ही राजद भी इंतजार में है, लेकिन छींका टूटने वाला नहीं है। एक-दो महीने के बाद आरजेडी में टूट तय है।
उल्लेखनीय है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद से ही आरजेडी, कांग्रेस और एनडीए में एक-दूसरे दल के नेता टूट की आशंका जता रहे हैं।
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Source : IANS