बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. चर्चित चारा घोटाले में रांची में सजा काट रहे लालू प्रसाद की मुश्किलें जेल से कथित तौर पर एक विधायक को फोन करने के मामले में और बढ़ गई है. लालू प्रसाद को गुरुवार को रिम्स के निदेशक बंगला से हटाकर पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. रिम्स प्रशासन ने बुधवार शाम जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर जल्द से जल्द लालू प्रसाद को निदेशक बंगला (केली बंगला 1) से पेइंग वार्ड के कमरा संख्या ए 11 में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था. इसी कमरे में लालू प्रसाद का इलाज पहले भी चल रहा था.
पत्र मिलने के बाद जेल प्रशासन गुरुवार को रिम्स निदेशक बंगला पहुंचे और वहां से पूरी सुरक्षा में शाम चार बजे लालू प्रसाद को एंबुलेंस से पेइंग वार्ड लाया गया. लालू प्रसाद पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जेल से विधायक को फोनकर प्रलोभन दिया है. भाजपा के पीरपौंती क्षेत्र के विधायक ललन पासवान ने इस मामले को लेकर निगरानी थाने में एक मामला भी दर्ज करवाया है. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद ने उन्हें फोनकर सोची-समझी साजिश के तहत राजनीति में आगे बढ़ाने एवं मंत्री बनाने का लालच देकर एक जनसेवक (पब्लिक सर्वेट) का वोट खरीदने की कोशिश की.
निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ललन पासवान के आवेदन पर निगरानी थाने में लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धाराओं के तहत कांड संख्या 29/20 दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जिम्मेदारी डीएसपी अंजनी कुमार को सौंप दी गई है. इधर, लालू प्रसाद की मुश्किल यहीं नहीं रूकी. जेल मैनुअल का उल्लंघन मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है.
इधर, राजद के नेता इस मामले में अब चुप्पी साधे हुए हैं जबकि सत्ता पक्ष लगातार मुखर है और विपक्ष पर निशाना साध रहा है. पूर्व मंत्री और जदयू नेता नीरज कुमार ने शुक्रवार को एक बार फिर लालू यादव और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, जिस बेटे को सत्ता तक पहुंचाने के लिए बाप बुढ़ापे में भी अपने कारनामे से बाज नहीं आया वो बेटा इस मुद्दे पर मौन हो गया है.
लालू प्रसाद को आदतन अपराधी बताते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि लालू यादव पर एक और मुकदमा हो गया. लालू की फोन वाली करतूत से अपनी छीछालेदर होता देख झारखंड सरकार ने उन्हें कोरोना प्रूफ मानते हुए रिम्स डायरेक्टर के बंगले से उठाकर फिर से पेइंग वार्ड में भेज दिया. बहरहाल, बिहार की सियासत में अलग अंदाज में अपनी पहचान बनाने वाले लालू प्रसाद की मुश्किलें जेल में भी कम नहीं हो रही हैं.
Source : IANS/News Nation Bureau