Advertisment

बेटों पर नहीं है लालू प्रसाद यादव को भरोसा, जेल में रहते एक बार फिर राजद के अध्‍यक्ष बने

यूं तो देश में कई रजनीतिक दलों के मुखिया ने अपने दल की कमान बेटों को दी, मगर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) इस बात में विश्वास नहीं रखते. तभी तो जेल में रहते हुए भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर से लालू प्रसाद यादव ही हुए.

author-image
Sunil Mishra
New Update
बेटों पर नहीं है लालू प्रसाद यादव को भरोसा, जेल में रहते एक बार फिर राजद के अध्‍यक्ष बने

बेटों पर नहीं है लालू प्रसाद यादव को भरोसा, एक बार फिर बने अध्‍यक्ष( Photo Credit : ANI Twitter)

Advertisment

यूं तो देश में कई रजनीतिक दलों के मुखिया ने अपने दल की कमान बेटों को दी, मगर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) इस बात में विश्वास नहीं रखते. तभी तो जेल में रहते हुए भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर से लालू प्रसाद यादव ही हुए. बेटों ने पिता के लिये नामांकन किया और विरोधियों ने मखौल उड़ाया. लालू प्रसाद यादव ने न तो तेजस्‍वी (Tejaswi Yadav) और न ही तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) पर भरोसा किया. यहां तक कि मीसा भारती (Misa Bharti) को भी उन्‍होंने इस लायक नहीं माना.

यह भी पढ़ें : सुपरकॉप अजित डोवाल का खौफ सता रहा दाऊद इब्राहिम को, सेलफोन पर बात तक नहीं कर रहा

1997 में जनता दल से अलग होकर लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनता दल नाम से अपनी पार्टी बनाई थी. इस दल के सर्वेसर्वा लालू प्रसाद यादव ही रहे और इस दल ने राज्य के साथ केन्द्र में भी बड़ी भूमिका निभाई थी. 2015 में लालू यादव ने नीतिश कुमार से हाथ मिलाकर बीजेपी को बिहार में सत्ता से दूर किया. गठबंधन टूटा तो लालू की पार्टी मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ गई और इस दौरान लालू प्रसाद चारा घोटाले में जेल चले गए. अब जब फिर से संगठनात्मक चुनाव का वक़्त आया तो चर्चा जोरों से चली कि विधायक दल का नेता होने के नाते तेजस्वी यादव को राजद का अध्‍यक्ष चुना जाएगा मगर मंगलवार को जब बात नामांकन की आई तो लालू के दोनों बेटे तेज़ प्रताप और तेजस्वी यादव ने पिता के लिये पार्टी कार्यालय पहुंच नामांकन परचा भरा और पिता के ही फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की घोषणा भी कर दी.

दूसरे दलों की बात करें तो मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश को कमान दे रखा है. राम विलास पासवान ने भी अपने बेटे चिराग को कमान दे रखा है मगर लालू प्रसाद यादव को पार्टी और परिवार में टूट का डर सता रहा है. इस लिहाज से लालू प्रसाद यादव कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं थे. लालू प्रसाद यादव के घर के अन्दर सत्ता का महाभारत चल रहा, यह किसी से छुपा नहीं है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव को डर है कि कहीं दोनों भाई भिड़ जाएं. उधर, लालू के हाथ से कमान गयी तो डर इस बात का भी है कि कहीं विधायक न भड़क जाएं. तेजस्वी से जब ये सवाल पूछा गया तो उनके पास भी जवाब नहीं था. उन्होने इस इतना ही कहा, मेरे पास नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ें : क्या BJP छोड़ रही हैं 'पंकजा मुंडे', इस फेसबुक पोस्ट से तो ऐसा नहीं लगता

इधर, विरोधियों ने लालू प्रसाद यादव के अपने पुत्र पर भरोसा नहीं करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया. जद यू और बीजेपी ने आरोप लगाया कि लालू यादव को पता है कि अगर ऐसा हुआ तो पार्टी और परिवार टूट जाएंगे. सो जेल में रहते पार्टी लालू ही संभालेंगे. इनका मानना है की तेजस्वी में अब भी वो दम नहीं कि वो पार्टी चला लें.

Source : रजनीश सिन्‍हा

Bihar RJD Tejaswi Yadav lalu prasad yadav Rjd Leader Tejpratap Yadav
Advertisment
Advertisment