लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ, जल्‍द पहुंचेंगे पटना

चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जेल कस्टडी से रिहा कर दिया गया है. सीबीआई कोर्ट की ओर से जारी रिलीज आदेश को बिरसा मुंडा होटवार जेल, रांची अथॉरिटी की ओर से एम्स, नई दिल्‍ली भेजा गया.

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Kuldeep Singh
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लालू यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ, जल्‍द पहुंचेंगे पटना( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जेल कस्टडी से रिहा कर दिया गया है. सीबीआई कोर्ट की ओर से जारी रिलीज आदेश को बिरसा मुंडा होटवार जेल, रांची अथॉरिटी की ओर से एम्स, नई दिल्‍ली भेजा गया. इसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. हालांकि लालू यादव एम्स से कब निकलेंगे, यह चिकित्सकों की सलाह के बाद निर्धारित होगा. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के पिता लालू यादव चारा घोटाले के दुमका कोषागार से जुड़े मामले में 19 मार्च 2018 से सजा काट रहे थे. झारखंड हाई कोर्ट ने उन्‍हें 17 अप्रैल को ही दुमका वाले मामले में जमानत की सुविधा प्रदान कर दी थी.

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कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर अधिवक्ताओं के कार्य नहीं किए जाने के कारण बेल बॉड नहीं भरा जा सका था. पिछले दिनों बार काउंसिल आफ इंडिया के आदेश के आलोक में गुरुवार को लालू प्रसाद के पैरवीकार अधिवक्ता ने दो निजी मुचलके दाखिल किया. जिसे कोर्ट सही पाकर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक को भेज दिया, साथ ही लालू प्रसाद को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि कई राज्यों के बार काउंसिल ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए वकीलों को अदालती प्रक्रिया में शामिल नहीं होने का आदेश जारी किया है. ऐसे में वैसे लोगों को परेशानी हो रही है जिन्हें जमानत मिल गयी है और बेल बांड, मुचलका और अन्य कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है. इस कारण वह जमानत मिलने के बावजूद जेल में ही है. 

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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि जमानत मिलने के बाद भी किसी को जेल में रखना उसके अधिकारों का हनन है. ऐसे में जिन्हें जमानत मिल गयी है उन्हें बाहर निकालने के लिए वकीलों को अदालती प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जाना उचित नहीं है. बार कौंसिल ने सभी राज्यों के बार काउंसिल को ऐसे लोगों की जमानत की प्रक्रिया पूरी करने के लिए वकीलों को अदालत में शामिल होने की अनुमति देने का आदेश दिया है. 

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