लालू यादव के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट, किडनी और डायबिटीज के बाद डिप्रेशन की भी ले रहे दवा

चारा घोटाला के दोषी आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव रांची की जेल में सजा काट रहे हैं लेकिन उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है

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kunal kaushal
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लालू यादव के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट, किडनी और डायबिटीज के बाद डिप्रेशन की भी ले रहे दवा

लालू यादव (फाइल फोटो)

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चारा घोटाला के दोषी आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव रांची की जेल में सजा काट रहे हैं लेकिन उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है. रिम्स अस्पताल के डॉक्टर डीके झा ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए कहा कि लालू यादव चार तरह के संक्रमण से गुजर रहे हैं. उन्हें किडनी की बीमारी के साथ ही डायबिटीज भी है. हमलोग उन्हें डिप्रेशन की भी दवा दे रहे हैं और अभी उनकी स्थिति पहले से बेहतर है. कुछ दिन पहले ही उन्हें बढ़े हुए शुगर लेवल की वजह से पैर में जख्म हो गया था जिसे ठीक होने में काफी समय लगा था. पैर में घाव के बाद उनके इलाज के लिए एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट से भी सलाह ली गई थी.

रांची के बिरसा मुंडा जेल में 14 साल की सजा काट रहे लालू यादव का तबियत पिछले कई महीनों से खराब थी जिसके लिए उन्हें मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में भी भर्ती कराया गया था. लालू यादव को सीने में दर्द के साथ बेचैनी और चक्कर आने और हीमोग्लोबिन की कमी की भी शिकायत थी.

जून में जमानत मिलने के बाद लालू यादव की तबियत खराब हुई थी, उस दौरान पाया गया था कि उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ है. इसके बाद लालू प्रसाद को पटना के आईजीआइएमएस (इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती कराने का निर्णय लिया गया था. बाद में उन्हें दिल्ली के एम्स में अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था.

जमानत अवधि खत्म होने के बाद दो दिन पहले ही उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार लाया गया था. हालांकि बाद में फिर से उन्हें राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) रांची में इलाज के लिए लाया गया था.

झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें 24 अगस्त को 30 अगस्त तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. चारा घोटाला मामले में वह 11 मई से अंतरिम जमानत पर थे. अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए आरजेडी प्रमुख बीते बुधवार देर शाम झारखंड पहुंचे थे.

आत्मसमर्पण से पहले लालू यादव ने कहा था, 'मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है.' जनवरी और मार्च में उन्हें दो और मामलों में दोषी पाया गया था और 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. साल 2013 में लालू को पहले चारा घोटाले के मामले में दोषी पाया गया था और पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

लालू यादव 1990 के दशक में जब बिहार के मुख्यमंत्री थे, उस समय करोड़ों रुपये का चारा घोटाला सुर्खियों में रहा. पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.

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Source : News Nation Bureau

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