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Lalu Family trouble in Land for Jobs Scam
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुसीबत एक बार फिर बढ़ने वाली है. क्योंकि दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद यादव और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य लोगों को समन जारी कर दिया है. अदालत ने मामले में अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है.
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कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता को लेकर इनकार नहीं कर सकते. क्योंकि तेज प्रताप यादव एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. अदालत ने तेजप्रताप यादव को भी तलब किया है. अदालत ने उन्हें भी पेश होने का आदेश दिया है. बता दे, ईडी ने छह अगस्त को मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था.
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अमित कात्याल को जमानत
लैंड फॉर जब मामले में अदालत ने लालू के करीबी अमित कात्याल को नियमित जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कात्याल के बारे में कहा कि आरोपी लगातार जांच में सहयोग कर रहा है. उसने पूछताछ के लिए जारी हुए किसी भी समन से बचने की कोशिश नहीं की. मामले को देखकर समझ आता है कि आरोपी के भागने की आशंका नहीं है. वह 10 नवबंर 2023 से हिरासत में हैं. चूंकि ट्रायल पूरा होने में समय लग सकता है. ऐसे में आरोपियों को जेल में रखने से मामला हल नहीं होगा.
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आखिर क्या है पूरा घोटाला
लैंड फॉर जॉब घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव यूपीए–1 सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप है कि 2004 से 2009 तक रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों की भर्ती की गई थी, जिसके बदले में लोगों ने अपनी जमीनों को लालू यादव, उनके परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की थी.
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