विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरु हो रहा जो 26 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र के दौरान सदन में जन आकांक्षाओं के मुद्दे की बातों का पिटारा खुल सकता है. वहीं इस बार इंसेफेलाइटिस (AES) से मौतों व बिगड़ती कानून-व्यवस्था सहित कई बड़े मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा व घमासान तय लग रहा है.
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विपक्ष के लिए कई मुद्दे
इस सत्र में विपक्ष के पास कई सार मुद्दे हैं जिनमें सबसे पहला मुजफ्फरपुर में हुई मासूमों की मौत का सवाल होगा. इसके अलावा, प्रदेश में आपराधिक घटनाएं, नियोजित शिक्षकों का समान काम के लिए समान वेतन का मुद्दा एवं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे कई अहम मुद्दे हैं, जिनके सहारे विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की जाएगी. इस दौरान, पक्ष-प्रतिपक्ष के सदस्यों की दलगत निष्ठा और संसदीय सलीके की भी परीक्षा हो सकती है. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा है कि इंसेफेलाइटिस समेत विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार विफल रही है. आरजेडी सदन में राज्य सरकार की विफलताओं को रखेगा.
कानून-व्यवस्था भी रहेगा मुद्दा
बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के कारण सदर में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी उइेगा. अपराध में वृद्धि को देखते हुए 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बार पुलिस की हाई लेवल मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन हालात बदतर हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर सकरकार को घेरेगा.
तेजस्वी पर टिकी नजर
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने एक बार फिर दावा किया है कि सदन में पहले दिन नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी रहेगी. कहा जा रहा है कि बिहार की राजनीति से गायब तेजस्वी यादव करीब महीने भर बाद प्रकट हो सकते हैं. पक्ष-विपक्ष की नजरें तेजस्वी पर टिकी हैं.
संसदीय कार्यमंत्री ने की ये अपील
सदन में हंगामे के आसार के बीच संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष से आग्रह किया है कि वह सदन में उपस्थित रह कर सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को लेकर अपने समालोचनात्मक विचार रखे. उन्होंने विपक्ष से सदन के संचालन में सकारात्मक सहयोग की अपील भी की है.
Source : News Nation Bureau