बिहार विधानसभा चुनाव में (Bihar Election 2020) में इस बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा जैसी उम्मीद की जा रही है. अब नीतीश कुमार ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं जो भविष्य में पार्टी का जनाधार मजबूत कर सकें. नीतीश पार्टी में 'लव कुश' समीकरण को मजबूत करने की कोशिश में तो हैं ही पार्टी के मज़बूत स्तंभ माने जाने वाले सवर्ण समुदाय के नेताओ को भी आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.
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जेडीयू में भूमिहार और राजपूत नेताओं का कद बढ़ाने की योजना शुरू हो गई है. इसके साथ ही दलित और अति पिछड़ा के साथ मुस्लिम चेहरे की खोज भी तेज है. दरअसल बिहार चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी में कुछ नेताओं का कद बढ़ाने की मांग उठने लगी थी. पार्टी अभी तक अति पिछड़ा और दलित के साथ-साथ सवर्ण और कुशवाहा राजनीति करती आई है, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को अपने पुराने समीकरण का जबर्दस्त झटका लगा है. नीतीश कुमार लगातार समीक्षा बैठक कर चुनावी हार-जीत का आंकलन कर रहे हैं.
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चुनाव के नतीजों के पार्टी में मंथन के बाद यह बात सामने आई कि पार्टी में कई जातियों के नेताओं को उभरने का मौका ही नहीं मिला. इसके लिए पार्टी ने ने सिरे से तैयारी शुरू कर दी गई है. जेडीयू की पूरी कोशिश है कि जातिगत समीकरण के मज़बूत नेताओं को जाति के हिसाब से खड़ा किया जाए और न सिर्फ़ ज़िम्मेवारी दी जाए, बल्कि उन्हें लगातार दौरा कर पार्टी को मज़बूत करने के काम में भी लगाया जाए.
Source : News Nation Bureau