देशभर में मानसून का आगमन हो चुका है. इसी के साथ बिहार में भी मानसून दस्तक दे चुका है. घनघोर बारिश के साथ ही राज्य में वज्रपात भी अपना कहर बरसाना शुरू कर चुका है. गुरुवार को राज्य में 8 लोगों ने अपनी जान वज्रपात की वजह से गवां दी तो वहीं बीते दो दिनों में करीब 16 लोगों की आकाशीय बिजली की वजह से जान जा चुकी है. वज्रपात से हुए मौत पर शोक जताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्य के 4 जिलों में वज्रपात से 4 लोगों की मृत्यु दुःखद. मृतकों के आश्रितों को तत्काल 4-4 लाख रू० अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा. खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। वज्रपात से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें, सुरक्षित रहें.
कुछ प्वाइंट में जानते हैं क्या होता है वज्रपात
बता दें कि आसमान में मौजूद बादलों के बीच घर्षण से एक बिजली उत्पन्न होती है जिससे नेगटिव चार्ज उत्पन्न होता है वहीं पृथ्वी में पहले से ही पॉजिटिव एनर्जी मौजूद होती है, ऐसे में पृथ्वी और आकाश में मौजूद नेगेटिव और पॉजिटिव चार्ज एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं और इस बीच जब कोई कंडक्टर आता है तो इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है लेकिन आकाश में कोई कंडक्टर नहीं होने की वजह से यह डिस्चार्ज वज्रपात के रूप में धरती पर गिरती है.
वज्रपात के समय इन जगहों से बचें
आमतौर पर वज्रपात होने की सबसे ज्यादा संभावना पहाड़ और पेड़ में होती है. इसके साथ ही हमें तालाब या पानी वाली जगह, ट्रांसफॉर्मर या टॉवर के नीचे कभी भी बारिश के समय खड़ा नहीं होना चाहिए. इन जगहों पर वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है.
वज्रपात से बचाव के उपाय
1. वज्रपात के समय किसी ऊंचे क्षेत्र पर जाने से बचें. इसके साथ ही कभी भी पेड़ के नीचे खड़े ना हो.
2. खुले स्थान में हैं तो जल्दी से घर में चले जाएं लेकिन खिड़की और दरवाजें से दूर रहें.
3. बिजली के पोल व मोबाईल टावर से दूर रहें.
4. घर में पानी का नल या इलेक्ट्रॉनिक मशीनों को बंद कर दें.
5. एक जगह पर कभी भी समूह में खड़े न हों. एक दूसरे से कम से कम 15 फीट दूरी बनाकर रखें.
Source : Vineeta Kumari