मधेपुरा में आए दिन नगर निकाय चुनाव को लेकर जिले में शराब की आमद बढ़ गयी है. डीएम के सख्त निर्देश के बावजूद भी शराब पर रोक नहीं लग पा रही है. हाल यह है कि वोटरों को लुभाने और दिनभर की थकान खत्म करने के लिए हर रोज शराब का दौर चल रहा है. जिले में ना तो शराबबंदी का डर दिख रहा है और ना ही पुलिस का. खासकर शाम में हुजूम बनाकर लोगों को शराब पीते देखा जा सकता है. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी शराब के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से जिले में शराब का धंधा तेज हो गया है. हर दिन लाखों रुपए की शराब जब्त की जा रही है.
बताया जा रहा है कि नगर चुनाव में वोटरों का गला तर करने के लिए संभावित लगभग सभी उम्मीदवारों ने शराब के तस्करों को पनाह देना और उनसे शराब मंगाना शुरू कर दिया है. जहां बुधवार की रात शहर के विभिन्न जगहों पर छापेमारी की गई, वहीं 70 लोगों को पीने व 12 लोगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों ने बताया कि चुनाव में अपना भाग आजमा रहे प्रत्याशी वोट के लिए पैसे और शराब पिलाने का खूब खेल कर रहे हैं. पहले वोटर को शराब पिलाते हैं फिर उसे अपने साथ चुनाव प्रचार में घुमाते हैं. इस प्रलोभन का शिकार ज्यादातर युवा वर्ग हो रहे हैं.
कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि मतदाताओं की सहानुभूति लेने के लिए पहले उसे दम भर शराब पिलाते देते हैं और बाद में पुलिस को सूचना देकर उसे पकड़वा देते हैं और फिर उसे छुड़वा भी देते हैं ताकि उसे प्रति मतदाताओं की सहानुभूति बढ़े. मधेपुरा में बीते रात एक ऐसा ही मामला सुनने को मिला. एक्साइज विभाग द्वारा पूरे शहर में जगह-जगह छापेमारी कर 82 लोगों को पकड़ा गया, उसे छुड़ाने के लिए उक्त प्रत्याशियों के समर्थक सुबह से ही अपनी सहानुभूति लेने के लिए लगे रहे.
Source : News Nation Bureau