हाजीपुर में शराब माफियाओं ने कुत्ते को उतारा मौत के घाट, जानिए वजह

बिहार में भले ही शराबबंदी है, लेकिन शराब का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है.

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Jatin Madan
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माफियाओं ने पालतू कुत्ते को हंटर समझकर उसे जहर दे दिया.( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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बिहार में भले ही शराबबंदी है, लेकिन शराब का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है. हाजीपुर में शराब माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि शराब तस्करी के लिए अब वो बेजुबानों को भी निशाना बनाने लगे हैं. हालिया मामले में शराब माफियाओं ने जहर देकर एक कुत्ते को मौत के घाट उतार दिया. माफियाओं ने कुत्ते को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उस कुत्ते की शक्ल पुलिस के खोजी कुत्ते से मिलती थी. दरअसल सदर थाना इलाके के दिघी लाल पोखर के रहने वाले प्रभात कुमार का पालतू कुत्ता बिहार पुलिस में शामिल खोजी कुत्ते "हंटर' की तरह दिखता था. 

हंटर ने राघोपुर समेत कई जगहों पर शराब की खेप पकड़ने और कई आपराधिक मामलों के खुलासे में बिहार पुलिस की मदद की थी. लिहाजा माफियाओं ने पालतू कुत्ते को हंटर समझकर पहले उसे जहर दिया और बाद में पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. कुत्ते की हत्या का आरोप गांव के ही आधा दर्जन लोगों पर लगा है. आरोपी गांव में ही अवैध शराब का कारोबार करते हैं और उनके परिवार का एक सदस्य अभी भी जेल में ही बंद है. 

आरोप है कि शराब कारोबारियों ने प्रभात कुमार के पालतू कुत्ते को पुलिस का खोजी कुत्ता समझ लिया और उन्हें लगा कि कहीं ये कुत्ता शराब कारोबार का भंडाफोड़ न कर दे... ऐसे में उन्होंने जहर देकर और पीट-पीटकर कुत्ते की हत्या कर दी. प्रभात कुमार का कहना है कि आरोपी ग्रामीणों से उनके जान को भी खतरा है. पीड़ित ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई है.

बहरहाल, ये मामला पुलिस की संज्ञान में है, लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर गांव में इस कदर खुलेआम अवैध शराब का कारोबार हो रहा है तो क्या पुलिस-प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है? अगर जानकारी नहीं है तो इससे पुलिस प्रशासन के खुफिया तंत्र पर सवाल खड़े होते हैं और अगर पुलिस को इस गोरखधंधे की खबर है तो अब तक कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई है?

रिपोर्ट : दिवेश कुमार

Source : News Nation Bureau

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