बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी में इस वक्त वर्चस्व की जंग चल रही है. चाचा पशुपति पारस (Pashuati Paras) ने भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को एकदम साइड कर दिया है. पशुपति पहले लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनें और अब चिराग से पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी भी छीन ली है. गुरुवार को पटना में पशुपति पारस के नेतृत्व में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ये फैसला लिया गया. इस बैठक में पशुपति पारस गुट के 4 सांसद महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज भी शामिल रहे.
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चिराग ने पूरे मामले को असंवैधानिक बताया
चाचा और भतीजे के बीच छिड़ी जंग कब और कैसे खत्म होगी ये साफ नहीं है. लेकिन पशुपति पारस ने साफ कह दिया है कि अब उनकी वापसी मुश्किल है. पशुपति पारस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद कहा था कि जब भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा मजबूरन क्या करेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी व्यवस्था में ये कहीं नहीं है कि कोई व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. हमारी पार्टी का जो संविधान है, उसमें प्रत्येक 2-3 वर्ष में अध्यक्ष का चुनाव होना है.
कोर्ट में जा सकती है ये लड़ाई
वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान ने भी लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करते हुए अपने विश्वसनीय राजू तिवारी को बिहार प्रदेश लोजपा का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया है. पशुपति पारस गुट और चिराग पासवान दोनों ने लोजपा के ऊपर दावेदारी कर दी है और ऐसे में यह झगड़ा चुनाव आयोग या कोर्ट में जाना तय माना जा रहा है. चिराग ने कहा कि करीब 75 केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड में से 9 लोगों ने मिलकर चाचा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना है. जबकि ये सभी सस्पेंड चल रहे हैं. अध्यक्ष का चयन अवैध है. बाकी लोग हमारे साथ हैं. इससे हमारा पलड़ा भारी है.
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चिराग समर्थकों ने लगाए पोस्टर
लोजपा में चाचा और भतीजे के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद का एक नया पोस्टर गुरुवार को पटना में चिराग गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा जारी किया गया. इसमें पशुपति पारस को फिल्म बाहुबली के किरदार कटप्पा के रूप में दिखाया गया है और खुद चिराग पासवान को बाहुबली बताया गया है. पोस्टर में बाहुबली का वह सीन दर्शाया गया है जिसमें फिल्म के हीरो बाहुबली को उनके मुंह बोले चाचा कटप्पा के द्वारा धोखा देकर उनके पीठ में खंजर घोंप दिया जाता है. इसका मकसद कार्यकर्ताओं के चाचा की हरकतों से रूबरू करवाना है, ताकि हक छीनने वाले चाचा की पोल खोली जा सके.
JDU अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं पशुपति
वहीं पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद पशुपति पारस एक्शन में आ गए हैं. जानकारी अनुसार पशुपति पारस जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से मुलाकात कर सकते हैं. पार्टी में टूट के बाद नीतीश के करीबी नेताओं ललन सिंह और महेश्वर हजारी का दिल्ली में पशुपति से मिलना और अब पशुपति पारस का जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना, इस ओर इशारा कर रहा है कि कहीं न कहीं का टूट का जेडीयू से कोई कनेक्शन है.
HIGHLIGHTS
- पशुपति पारस बने LJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष
- चिराग पासवान ने इस प्रक्रिया को अंसवैधानिक बताया
- अदालत तक जा सकती है वर्चस्व की लड़ाई