LJP Conflict: चिराग ने नेताओं को दिलाई शपथ, पशुपति ने भी नई कार्यकारिणी बनाई

बैठक में शामिल होने से पहले नेताओं को चिराग ने समर्थन की शपथ दिलाई. इसके बाद पार्टी में अब तक जो हुआ और आगे क्या कैसे करना है उसपर चर्चा की जाने की गई. बैठक में चिराग ने तय किया कि चाचा पशुपति पारस खिलाफ 'संघर्ष यात्रा' निकाल सकते हैं. 

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Karm Raj Mishra
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Chirag Vs Pashupati

Chirag Vs Pashupati( Photo Credit : फोटो- News Nation)

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एलजेपी (LJP Conflict) में जारी घमासान के बीच दिल्ली में आज एलजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (LJP National Executive Meeting) हुई. ये बैठक चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बुलाई थी. इस बैठक में शामिल होने से पहले नेताओं को चिराग ने समर्थन की शपथ दिलाई. इसके बाद पार्टी में अब तक जो हुआ और आगे क्या कैसे करना है उसपर चर्चा की जाने की गई. बैठक में चिराग ने तय किया कि चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) के खिलाफ 'संघर्ष यात्रा' निकाल सकते हैं. उधर पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर दिया है.

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पारस ने गठित की नई कार्यकारिणी

नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, वैशाली की सांसद वीणा देवी और सुनीता शर्मा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसमें समस्तीपुर सांसद और पारस के भतीजे प्रिंस राज और सांसद चंदन सिंह राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए हैं. संजय सर्राफ राष्ट्रीय महासचिव/ राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए है. वहीं रामजी सिंह राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए. विनोद नागर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता बने हैं. 

चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की 

बता दें कि बीते शनिवार की रात ही चिराग पासवान ने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात की थी. चिराग ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को तथ्यों से अवगत कराया और उनसे एलजेपी के निलंबित सांसदों में से एक पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में एलजेपी के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करने के फैसले की समीक्षा करने के लिए आग्रह किया है. चिराग पासवान ने कहा कि यह गैरकानूनी है और उनकी पार्टी का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है.

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चुनाव आयोग तक पहुंच गया मामला

चाचा-भतीजे के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई है कि ये मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. चिराग (Chirag Paswan) ने चुनाव आयोग में चाचा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को असंवैधानिक बताया. इसके साथ ही उन्होंने 77 सदस्यों की लिस्ट भी EC को दी है. वहीं चिराग ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की. चिराग ने स्पीकर के सामने अपना पक्ष रखा.जब कि वह पहले ही पशुपति पारस को एलजेपी के नेता के तौर पर मंजूरी दे चुके हैं. एलजेपी के 5 सांसदों का समर्थन पशुपति पारस के पास है.

सुप्रीम कोर्ट तक जा सकते हैं चिराग

इधर लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस ने पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार चिराग पासवान न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी नियम-कानून से चलती है. इस दौरान पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर तानाशाही का आरोप लगाया. वहीं पैरों के नीचे से जमीन खिसकने के बाद भी चिराग हार मानने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं.

HIGHLIGHTS

  • पारस ने गठित की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी
  • चिराग ने भी कार्यकारिणी के साथ बैठक की
  • लोकसभा अध्यक्ष से भी मिले हैं चिराग
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