इन दिनों बिहार की राजीनीति चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी सियासी जंग की वजह से सुर्खियों में है. लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ में बंट चुकी हैं. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति के बीच जंग बढ़ता ही जा रहा है. दोनों ही नेता एक-दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में पार्टी भविष्य किस ओर रुख करेगा इसपर बड़ा सवाल बना हुआ है. लेकिन इसी बीच लोजपा के युवा नेता और दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने पार्टी को तितर-बितर होने से रोकने के लिए एक बेहद भावुक भरा पत्र लिखा है. चिराग ने लोजपा कार्यकर्ताओं को रामविलास पासवान के आदर्श और संघर्षों की बात याद दिलाते हुए सीएम नीतीश कुमार और पशुपति पारस पर हमला बोला है.
चिराग ने पत्र में लिखा कि जेडीयू ने हमेशा से लोजपा को तोड़ने का काम किया है. साल 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही हमारे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया. साल 2005 में नवंबर में हुए चुनाव में सभी हमारे जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम जेडीयू द्वारा ही किया गया. उसके बाद 2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम इनके द्वारा ही किा और आज लोजपा के 5 सांसदों को तोड़ जेडीयू ने अपनी बांटों और शासन करो की रणनीति को दोहराया है.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे नेता रामविलास पासवान के जीवनका में कई बार नीतीश जी द्वारा उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया. दलित और महादलित में बंटवारा करवाना उसीका एक उदाहर है. हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने और मैंने दलित और महादलित समुदाय में कभी कोई अंतर नहीं समझा और सबको एकजुट कर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए संघर्ष किया लेकिन नीतीश कुमार जी ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौप पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. इतना कुछ होने पर भी हमारे नेता रामविलास पासवान जी नहीं झुके.
चिराग ने लिखा,'पिताजी (रामविलास पासवान) की तबियत खराब होने पर जहां एक तरफ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पक्ष-विपक्ष के तमाम नेता फोन कर हालाचाल पूछ रहे थे तो वहीं नीतीश कुमार जी का ये कहना कि उन्हें तबियत खराब है, मालूम नहीं है उनके अंहकार को दर्शाता है. विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए आईसीयू में भर्ती मेरे पिताजी के लिए यह कहना कि जाकर उनसे पूछिए क्या वह अपने दो विधायकों के समर्थन से राज्यसभा सांसद बने है दुखद था. '
लोजपा युवा नेता ने आगे कहा कि हमारे नेता को अपमानित करने की पराकाष्ठा तब हुई जब राज्यसभा के दौरान नीतीश कुमार ने हमारे नेता को मजबूर किया कि वो उनके पास जाए और उनसे मदद की गुहार लगाए जबकि सीटों के बंटवारे के लिए पहले ही गठबंधन में यह तय हो गया था और इसकी घोषणा बीजेपी के अध्यक्ष द्वरा सार्वजनिक तौर पर की गई थी.
चिराग पासवान ने लिखा, 'मुझे ताज्जुब होता है कि पार्टी से निष्कासित सांसद कैसे एक ऐसे व्यक्ति के साथ खड़े हो सकते है, जिन्होंने हमेशा हमारे नेता राम विलास पासवान जी को ही नहीं बल्कि बिहार की जनता को धोखा देने का काम किया. नीतीश कुमार को बर्दाश्त ही नहीं कर सकते कि दलित राजनीति में आगे बढ़े फिर चाहे वो रामविलास पासवान हो या फिर चिराग पासवान,. मेरी पार्टी और मेरे परिवार को तोड़ मुझे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है पर मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं , एक शेर का बेटा जो कभी किसी परिस्थिति से ना तो डरता है और ना घबराता है.
उन्होंने आगे लिखा, 'परिवार के टूटने का दुख मुझे जरूर है. पापा ने पूरा जीवन पार्टी के साथ-साथ अपने भाईयों को भी आगे बढ़ाने का काम किया और आज उनको गए 9 महीने भी नहीं हुए और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए उन्होंने परिवार का साथ छोड़ दिया और आदरणीय रामविलास पासवान की विचारधारा को चकनाचूर कर एक ऐसे व्यक्ति की शरण में गए जिनके खिलाफ हमारे नेता सदैव अपनी आवाज को बुलंद करते रहे.'
चिराग पासवान ने कार्यकर्ताओं के लिए लिखा, 'साथियों आने वाले समय में हम सबको एक लंबी और राजनीतिक और सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है. ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के अस्तित्व की नहीं बल्कि रामविलास पासवान के विचारधारा को बचाने की है. मैं मजबूती से हर राजनीतिक और कानून लड़ाई लड़ने को तैयार हूं और अपने अगले पत्र में पार्टी के संविधान और सिद्धांतों की जानकारी आप सबके साथ साझा करूंगा ताकि आप सबको भी ये विश्वास रहे की हम लोग कानूनी तौर पर कितने मजबूत है और पार्टी से निलंबित मुट्ठी भर लोग हम से हमारी पार्टी नहीं छीन सकते. मैं आपसे वादा करता हूं कि लोक जनशक्ति पार्टी हमारी थी और हमारी रहेगी.'
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लोजपा में राजनीतिक अशांति के बीच चिराग पासवान ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि जदयू नेता उनके खिलाफ काम कर रहे हैं और पार्टी को तोड़ रहे हैं. राजद ने भी जदयू पर इसी तरह के आरोप लगाए थे. राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा, "चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच विभाजन के पीछे नीतीश कुमार हैं."
इसका जवाब देते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.सी.पी. सिंह ने कहा कि चिराग पासवान वही काट रहे हैं जो उन्होंने बोया है. सिंह ने कहा, "चिराग पासवान ने हाल के दिनों में बहुत सारी गलतियां की हैं. बिहार के लोग और उनकी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जो कुछ भी उन्होंने किया उससे खुश नहीं थे. अब पार्टी में दरार इसका परिणाम है."