छपरा में शराब पीने से 71 मौतों के मामले व राज्य के अन्य मुद्दों के लेकर आज लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की और राज्य की बदहाली की जानकारी देते हुए सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में राज्यपाल से शराबबंदी कानून के पश्चात राज्य में शराब का अवैध कारोबार का न्यायिक जांच करायी जाने समेत 7 मांगे की गई है. इन मांगों में मुख्य रूप से राज्य में कानून व्यवस्था से जुड़ी मांगे, ताड़ी को कृषि उत्पाद घोषित करने की मांग, शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग, दलित उत्पीड़न के मामलों में त्वरित कार्रवाई की मांगें शामिल हैं.
पहली मांग: शराबबंदी कानून के पश्चात राज्य में शराब का अवैध कारोबार का न्यायिक जांच करायी जाए.
दूसरी मांग: राज्य सरकार शराबबंदी कानून को पूर्णरूपेण से लागू करें, यदि पूर्णरुप से लागू करने में अक्षम है तो पूर्ववत स्थिति में रखा जाये यानी शराबबंदी कानून को अविलंब वापस लिया जाए.
तीसरी मांग: 1 अप्रैल 2016 के शराबबंदी कानून के बाद जहरीली शराब से हुई मृत्यु के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की राशि का मुआवजा एवं आश्रित को सरकारी नौकरी दिया जाए.
चौथी मांग: ताड़ी को कृषि उत्पाद का दर्जा देते हुए, ताड़ी उत्पादन, व्यवसाय, परिवहन इत्यादि को शराबबंदी कानून से अविलंब मुक्त किया जाए.
पांचवी मांग: बिहार में लगातार हो रहे बैंक लूट, स्वर्ण व्यवसायी लूट, हत्या सहित अन्य गिरती विधि-व्यवस्था को संज्ञान लेते हुए बिहार में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने की कृपा की जाए.
छठवीं मांग: बिहार में विगत कुछ दिनों से लगातार दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही है अरवल जिला के परासी थाना अंतर्गत चकिया गांव के श्री रामजीत पासवान के यहां उनकी पत्नी के साथ बलात्कार में असफल होने पर घर में आग लगाकर सुमन देवी एवं उनकी मासूम बेटी श्रद्धा कुमारी को जलाकर मार दिया गया.
सातवी मांग: शराब माफियाओं के द्वारा बेगूसराय के सहायक थाना अंतर्गत छौराही के पूरपथार गांव के रंजू देवी पासवान के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी गई है, इन सभी घटनाओं का न्यायिक जांच करायी जाए.
HIGHLIGHTS
- LJSP प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
- राज्यपाल को 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा
Source : Shailendra Kumar Shukla