विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को नया जीवन देने वाले जयप्रकाश नारायण यानी जेपी का जन्म 8 अक्टूबर, 1902 में हुआ था. जेपी का जन्म बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमा पर मौजूद एक छोटे से गांव सिताबदियारा में हुआ था. जेपी को लोकनायक के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से प्राप्त की जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए पटना आ गए. जेपी बचपन से ही मेधावी छात्र थे, मैट्रिक की परीक्षा के बाद उन्हें पटना कॉलेज में स्कॉलरशिप मिली. कॉलेज के दिनों में वह गांधी जी से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने पटना कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और विद्यापीठ में दाखिला ले लिया. महज 18 साल की उम्र में 1920 में उनकी शादी प्रभावती से हुई. शादी के कुछ सालों बाद प्रभावती ने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिया और अहमदाबाद में गांधी आश्रम में राष्ट्रपिता की पत्नी कस्तूरबा के साथ रहने लगीं.
अपनी पत्नी के साथ जेपी ने भी ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया. जेपी गांधी जी से इस कद्र प्रभावित थे कि वह स्वदेशी सामानों का ही इस्तेमाल करते थे और धोती कुर्ता पहनते थे. 1922 में लोकनायक बापू से मिले और लाहौर में अधिवेशन के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के श्रम विभाग के सचिव बने, जहां से आजादी की लड़ाई शुरू हुई. जेपी ने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी देश को बेहतर बनाने के लिए जुटे रहे. 1932 में कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेताओं की गिरफ्तारी के बाद जेपी को कार्यवाहक महासचिव का पदभार मिला. साल 1932 में जेपी को गिरफ्तार कर लिया गया और करीब 5 साल बाद उन्हें 1937 में रिहा किया गया. जिसके बाद 1939 में विश्वयुद्ध के खिलाफ भाषण देने पर फिर एक बार लोकनायक को गिरफ्तार किया गया और 1940 में फिर से रिहा किया गया.
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था- वह सुनो भविष्य पुकार रहा, वह दलित देश का त्राता है, सपनों का द्रष्टा जयप्रकाश, भारत का भाग्य विधाता है.
जेपी आंदोलन
आजादी के बाद 1974 में बिहार से जेपी आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसने पूरे देश में तहलका मचाकर रख दिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा चुनाव में अयोग्य ठहराए जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी जिसके खिलाफ जेपी ने देश को एकजुट किया और करीब 21 महीने बाद 21 मार्च 1977 को आपतकाल को खत्म किया गया.
Source : Vineeta Kumari