बिहार चुनाव के मद्देनजर नेताओं के दलबदल का सिलसिला जोर पकड़ने लिया है और चुनाव में सियासत का अजब खेल भी दिख रहा है. लोकतांत्रिक जनता दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव कांग्रेस में शामिल हो गई हैं. उनके साथ ही लोजपा के वरिष्ठ नेता काली पांडे भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. सुभाषिनी और काली पांडे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पवन खेड़ा, देवेंद्र यादव और अजय कपूर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली.
यह भी पढ़ें: किसान नेताओं ने दिल्ली में कृषि भवन के सामने उड़ाई कृषि कानून की प्रतियां
माना जा रहा है कि सुभाषिनी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ सकती हैं. इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने कहा, 'हमें गर्व है कि सुभाषिनी यादव कांग्रेस में शामिल हुई हैं. उनके पिता का भारत के संसदीय लोकतंत्र में बहुत बड़ा योगदान है.'
गौरतलब है कि शरद यादव अपनी पार्टी गठित करने से पहले जदयू में थे और उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष रहने के साथ कई वर्षों तक राजग के संयोजक की भूमिका भी निभाई. वर्ष 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण शरद यादव को जदयू से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
यह भी पढ़ें: मप्र में भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, प्रज्ञा ठाकुर का नाम नहीं
जबकि कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में राजद और वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. महागठबंधन के तहत कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. राजद के हिस्से जहां 144 सीटें आई हैं, वहीं कांग्रेस 70 सीटों पर प्रत्याशी उतार रही है. अब तक कांग्रेस अपने 21 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है. बता दें कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर होगा, जबकि मतगणना 10 नवंबर होगी.