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नवरात्रि के सातवां दिन मां काल रात्रि की होती है पूजा, जानें मां की पूजा का महत्व

नवरात्रि का सातवां दिन मां दुर्गा के काल रात्रि स्वरूप को समर्पित है. इस दिन मां काल रात्रि की पूजा की जाती है. मां के इस स्वरुप से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. इनकी पूजा वाले दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में स्थापित होता है.

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Rashmi Rani
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Maa Kaal Ratri( Photo Credit : फाइल फोटो )

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नवरात्रि का सातवां दिन मां दुर्गा के काल रात्रि स्वरूप को समर्पित है. इस दिन मां काल रात्रि की पूजा की जाती है. मां के इस स्वरुप से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. इनकी पूजा वाले दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में स्थापित होता है. साधक समस्त तरह के भय से मुक्त हो जाता है और उसके लिए समस्त सिद्धियों के द्वार खुलने लगते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी के इस रूप की पूजा करने से दुष्टों का विनाश होता है. मां के इस स्वरूप को वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है. 

मां का नाम ‘शुभंकारी’ भी है

भक्तों के लिए मां कालरात्रि सदैव शुभ फल देने वाली हैं. इस कारण मां का नाम ‘शुभंकारी’ भी है. ऐसी मान्यता है कि मां कालरात्रि की कृपा से भक्त हमेशा भयमुक्त रहता है. उसे अग्नि भय, जल भय, शत्रु भय, रात्रि भय आदि कभी नहीं होता.

कैसा है मां कालरात्रि का स्वरूप? 

कालरात्रि देवी का शरीर रात के अंधकार की तरह काला है. गले में विद्युत की माला और बाल बिखरे हुए हैं. मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं और चार हाथ हैं, जिनमें से एक हाथ में गंडासा और एक हाथ में वज्र है. इसके अलावा, मां के दो हाथ वरमुद्रा और अभय मुद्रा में हैं. इनका वाहन गर्दभ यानि गधा है. मां कालरात्रि का स्वरुप देखने में भयानक है, परंतु इनका ये स्वरुप अत्यंत शुभ फल देने वाला कल्याणकारी है.

कैसे करें मां की पूजा 

मां काल रात्रि की पूजा में गुड़ के भोग का विशेष महत्व है. माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है. ऐसा करने से मां काल रात्रि प्रसन्न होती हैं. कहते हैं कि देवी कालरात्रि के आशीर्वाद से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.

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मां कालरात्रि की पूजा का महत्व 

मां कालरात्रि शत्रु और दुष्टों का संहार करती हैं. मां की पूजा से तनाव, भय और बुरी शक्तिओं से मुक्ति मिलती है. मां कालरात्रि की पूजा से हर पाप से मुक्ति मिलती है. मां कालरात्रि की पूजा से शत्रुओं का नाश होता है.

मां कालरात्रि के मंत्र 

'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:। '
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
ओम देवी कालरात्र्यै नमः।
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

HIGHLIGHTS

  • भक्तों के लिए मां कालरात्रि सदैव शुभ फल देने वाली हैं
  • मां काल रात्रि की पूजा में गुड़ के भोग का है विशेष महत्व 
  • मां की पूजा से बुरी शक्तिओं से मिलती है मुक्ति 

Source : News State Bihar Jharkhand

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