देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश में शामिल पटना के फुलवारी शरीफ के दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से ही एक के बाद एक चौंका देने वाले खुलासे हो रहे है. देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की मंशा रखने वाले इन आतंकियों ने सबसे पहले पटना में साम्प्रदायिक आग लगाने की साजिश रची थी. इसके लिए स्थानीय समुदाय विशेष को भड़काने की प्लानिंग बड़े स्तर पर की जा रही थी. समुदाय विशेष को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा था. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भड़काऊ मैसेज भेजकर न सिर्फ उन्हें भड़काया जा रहा था बल्कि उसने असली मुसलमान होने का सबूत भी मांगा जा रहा था. सूत्रों की मानें तो मई के महीने से ही इस साजिश की शुरूआत हो गई थी.
'असली मुसलमान कब बनोगे?'
पटना में इस साजिश की जड़े मई के महीने से मजबूत हो रही थी, पुलिस को भी इस साजिश की भनक लग गई थी, बावजूद इसके मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं की गई थी और न ही पुलिस ने साजिश में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए जांच तेज की थी. इस बीच व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए स्थानीय समुदाय विशेष लोगों के फोन पर मैसेज भेजे जाते थे. इन मैसेज में उनसे नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने की मांग की जाती थी.
उनके मन में नफरत पैदा की जा सके इसके लिए पैंपलेट्स बनाए जाते थे. इन पैंपलेट्स में लिखा होता था- 'शर्म करो डूब मरो, शर्म करो डूब मरो. गोश्त खाकर मुसलमान बनने वाले फुलवारी शरीफ के आवाम असली मुसलमान कब बनोगे? नबी की शान पर कब बोलोगे? सारी दुनिया के मुसलमान आवाज उठा रहे हैं. तुम कब उठाओगे? क्या यूहीं मुर्दा बने रहोगे? याद रखना कल कयामत में अल्लाह ताला तुमसे सवाल कर बैठे तो क्या जवाब दोगे और क्या मुंह दिखाओगे अपने रब को?
2047 तक देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश
बता दें कि पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ से 2 लोगों को गिरफ्तार किया था. इन दोनों के पास से सीक्रेट दस्तावेज मिले थे. इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ था कि PFI ने इंडिया विजन 2047 को लेकर एक साजिश का प्लान तैयार किया है. इन दस्तावेजों में लिखा था कि 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाएगा. इसके अलावा यहां के बहुसंख्यकों को घुटनों पर लाने और भारत में इस्लाम का गौरव फिर से स्थापित करने की बात भी कही गई थी. इस बीच स्थानीय पुलिस को सूचना मिली कि फुलवारीशरीफ में समुदाय विशेष को भड़काकर बड़े दंगे की साजिश रची जा रही है. जिसके बाद इस मामले में 11 जून को फुलवारी शरीफ के थानेदार एकरार अहमद के लिखित बयान पर IPC की धारा 153A, 295, 295A, 120B और 34 के तहत FIR नंबर 663/22 दर्ज हुई थी.
Source : Komal Jha