बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम(AES) के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मुजफ्फरपुर में अबतक इस बीमारी से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है. एसकेएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट सुनील शाही के मुताबिक इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 38 मरीज अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसमें से 14 की मौत हो गई. इलाजरत कई मरीजों को अभी भी तेज बुखार है.
बता दें कि मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी वैशाली और शिवहर में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप बढ़ता दिखता है. हालांकि अभी जो मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं वो मुजफ्फपुर और उसके आसपास से आ रहे हैं.
जापानी बुखार के ये हैं लक्षण
गौरतलब है कि इंसेफेलाइटिस को जापानी बुखार भी कहते हैं. इस बीमारी का लक्षण कुछ इस तरह होता है. सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, कमजोरी, उल्टी होना, भूख कम लगना, सुस्त रहना, अतिसंवेदनशील होना होता है. वहीं छोटे बच्चों में इंसेफेलाइटिस को ऐसे पहचान कर सकते हैं. सिर में चित्ती का उभरना, दूध कम पीना, बहुत रोना और शरीर में जकड़न नजर आना. अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए.
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ऐसे करें इंसेफेलाइटिस से बचाव
इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं. जैसे की गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें, बच्चों को बारिश के मौसम में बेहतर खान-पान दें, मच्छरदानी या कीटनाशक दवा का उपयोग करें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं ताकि उनकी स्कीन ढकी रहे. इसके साथ ही आप इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को टीका भी लगवा सकते हैं.
Source : News Nation Bureau