बिहार में अब एक नई सियासत देखने को मिल रही है. दरअसल, सरकारी बंगले को खाली करने के लिए भवन निर्माण विभाग ने पूर्व मंत्रियों और बीजेपी विधायकों को नोटिस भेजा है. जिन्हें नोटिस दिया गया है उनमें सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी का भी नाम शामिल है. इतना ही नहीं बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को भी आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है. आवास खाली ना करने की स्थिति में जुर्माने का भी फरमान जारी किया गया है. दरअसल, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने पद से हटने के बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं किया और अब उनपर जुर्माना भी लगाया गया है. नोटिस में तय समय सीमा के अंदर बंगला ना खाली करने पर 30 गुना जुर्माना लगाया गया है. सिर्फ तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पर ही नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पर भी जुर्माना लगाया गया है.
रेणु देवी का सवाल-ये कैसा न्याय?
भवन निर्माण विभाग से मिले नोटिस पर पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा, 'मुझे अक्टूबर में 3 हार्डिंग रोड पर मकान अलॉट हुआ. जब तक वो मकान खाली नहीं होगा, मैं कहां रहूंगी, मैं कहां जाऊंगी. नोटिस के मुताबिक हर महीना मुझे 30 गुना जुर्माना देना पड़ेगा, जो कि 2 लाख 36 हजार रुपये है. मैं महागठबंधन सरकार से पूछती हूं कि ये कौन सा न्याय है?'
भवन निर्माण मंत्री ने क्या कहा
बंगले पर हो रही राजनीति पर सूबे के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, 'जो भी हो रहा है वो सब कानून और नियमों के मुताबिक हो रहा है. समय पर बंगला खाली ना करने पर 30 गुना जुर्माना लगाया जाएगा और ये नियम उस समय बनाया गया था जब बीजेपी खुद सरकार के साथ गठबंधन में थी. तब आरजेडी के नेताओं ने बंगले और सरकारी आवास खाली किए थे.' मंत्री अशोक चौधरी ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर अपनी मर्जी से पूर्व मंत्री बंगला नहीं खाली करते हैं तो मजिस्ट्रेट की तैनाती कर उनके बंगले और आवास खाली कराए जाएंगे.