बिहार में स्वास्थ्य विभाग इस कदर लापरवाह हो चुका है कि अब मेडिकल छात्रों के भविष्यों से भी खिलवाड़ करने लगा है. विभाग की अनदेखी के चलते सैंकड़ों मेडिकल के छात्रों की भविष्य अधर में लटका है. परेशान छात्रों ने अब विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते ना जाने कई अस्पताल या तो खंडहर बन चुके हैं या डॉक्टरों और उपकरणों की कमी से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहा है.
अरवल के सदर अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ठीक से क्लासेस ना लगने से नाराज छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया. दरअसल लैब टेक्नीशियन और ड्रेसर के लिए 2021-23 सेशन के छात्रों को अब तक थ्योरी की क्लास नहीं कराई गई है, जिससे छात्र आक्रोशित हैं. छात्रों को सप्ताह में 1 दिन सदर अस्पताल में ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन क्लासेस ना होने के चलते उन्हें कुछ समझ नहीं आता है.
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. छात्रों ने कई बार डीएम, सिविल सर्जन और अरवल जिले के प्रभारी मंत्री तेज प्रताप यादव को भी लिखित आवेदन देकर क्लास शुरू कराने की मांग की है, लेकिन मांग पर अब तक किसी तरह की सुनवाई नहीं की गई है. ऐसे में छात्रों को फेल होने का डर भी सताने लगा है.
गौरतलब है कि एक तरफ जहां मेडिकल कॉलेजों की दुर्दशा को ठीक करने के लिए तेजस्वी यादव लगातार अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से सैकड़ों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग कब तक पूरी की जाती है.
रिपोर्ट : सुनील कुमार बबलू
Source : Amrit Tiwari