लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से बीमार पिता को साइकिल पर पीछे बैठकार हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा की 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली ज्योति कुमारी को राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री मदन सहनी द्वारा सम्मानित किए जाने के दौरान कथित तौर पर सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने से विवाद उत्पन्न हो गया है. दरभंगा (Darbhanga) जिले के गौराबराम विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक व मंत्री मदन सहनी द्वारा ज्योति को सिंघवारा प्रखंड अंतर्गत पैतृक गांव सिरहुली पहुंच कर सोमवार को सम्मानित करने और उस दौरान हुई भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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विपक्ष ने सामाजिक दूरी के नियमों के उल्लंघन के लिए मंत्री पर प्रहार करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, मंत्री की पार्टी ने इसपर यह कहते हुए कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह ही इस मुद्दे पर स्वयं बोल सकते हैं. इस मामले को लेकर मंत्री की टिप्पणी के लिए उनसे बार-बार संपर्क किए जाने पर भी वह उपलब्ध नहीं हो सके. सहनी ने ज्योति और उसके पिता मोहन पासवान से मुलाकात के दौरान उसे और उसके पिता को माला पहनाया और शाल ओढाकर सम्मानित करने के अलावा उपहार के रूप में 5,000 रुपये दिये थे.
जब सहनी लड़की और उसके पिता दोनों का सम्मानित कर रहे थे, तो वह भीड़ से घिरे हुए थे जिससे यह माना जा रहा है कि मंत्री मुलाकात के दौरान सामाजिक दूरी के मानदंडों को भूल गए थे. 15 साल की ज्योति कुमारी 1,200 किलोमीटर की यात्रा कर अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से साइकिल पर बिठाकर एक सप्ताह से अधिक समय पहले अपने पैतृक गांव पहुंची थी जिसके बाद से वह अपने पिता के साथ अपने गांव के ही करीब एक पृथकवास केंद्र में रह रही है. हालांकि, दरभंगा जिला प्रशासन के अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है लेकिन विपक्षी दल राजद और कांग्रेस ने मंत्री पर सामाजिक दूरी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.
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बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, 'सामाजिक दूरी के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कई व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उसी नियम के तहत मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.' उन्होंने कहा कि एक मंत्री के रूप में, सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना उनकी ज़िम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने तुच्छ राजनीतिक लाभ और सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा किया. यह एक गंभीर मामला है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो कानून के शासन की बात करते हैं, को भी अपना रुख साफ करना चाहिए.
राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मंत्री का वहां जाने का एक मात्र उद्देश्य राजनीतिक लाभ हासिल करना था. उन्होंने कहा कि हमारी नेता राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने ज्योति से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बात की जिसके बाद मंत्री हरकत में आए और वहां पहुंचे.
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले पर उनके (मंत्री) द्वारा कोई टिप्पणी किया जाना उचित होगा. उन्होंने कहा कि क्योंकि यह पार्टी से जुडा मामला नहीं है इसलिए आप उनसे (मंत्री) से सवाल बेहतर ढंग से पूछ सकते हैं. अगर उन्होंने (मंत्री) अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कुछ किया है, तो उनकी टिप्पणी लेना बेहतर होगा.
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