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मोहन भागवत का बिहार दौरा लालू की पार्टी को संजीवनी...

संघ प्रमुख के दौरे पर राजद की नजर होगी. खासतौर पर भागवत के बयानों में से राजद नया एजेंडा तलाशने की कोशिश करेगी.

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Nihar Saxena
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Mohan Bhagwat

अपने बयानों से लालू को लाभ पहुंचाते आए हैं मोहन भागवत.( Photo Credit : न्यूज नेशन.)

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं. मोहन भागवत पटना में 5 और 6 दिसंबर को आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की क्षेत्र स्तर की आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेंगे. दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक में कोरोना काल में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्यों की चर्चा और समीक्षा की जाएगी. साथ ही कोरोना से प्रभावित जनजीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, स्वदेशी जैसी गंभीर और समसामयिक विषयों पर भी चर्चा होगी.

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मोहन भागवत पहली बार बिहार दौरे पर पहुंचेंगे. ऐसे में सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल बीजेपी ने भागवत के दौरे को लेकर काफी तैयारियां की है, लेकिन सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के  अंदर भी हलचल है. संघ प्रमुख के दौरे पर राजद की नजर होगी. खासतौर पर भागवत के बयानों में से राजद नया एजेंडा तलाशने की कोशिश करेगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि भागवत के बयानों से लालू की पार्टी राजद को पहले भी संजीवनी मिल चुकी है.

याद हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान मोहन भागवत ने एक बयान दिया था, जिसे राजद ने चुनाव मुद्दा बनाकर खूब भुनाया. भागवत का यह बयान आरक्षण को लेकर था. भागवत ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'देश हित में आरक्षण पर समीक्षा के लिए एक कमेटी बने, जो ये बताए कि किस क्षेत्र में, कितने समय तक आरक्षण दिए जाने की जरूरत है.' हालांकि बाद में संघ की ओर से इस बयान पर सफाई भी दी गई थी, लेकिन चुनावी माहौल में इस बयान ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया. जिसका फायदा राजद ने उठाया. 

ज्ञात हो कि 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार ने लालू की पार्टी राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जबकि उनके खिलाफ खड़ी थी. लेकिन भागवत के उस बयान के खामियाजे का बीजेपी ने भी अंदाजा नहीं लगाया. 2015 के चुनाव में लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर थे. लिहाजा लालू ने अपने स्टाइल में भागवत के बयान के बाद चुनाव को बैकवर्ड वर्सेज फॉरवर्ड की लड़ाई बता दिया. लालू ने राघोपुर की एक चुनावी सभा में पूरे चुनाव को अगड़े और पिछड़ों की लड़ाई बना दिया था. जिसका फायदा भी उन्हें मिला था. 

2015 के चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में लालू यादव की पार्टी ने सरकार बनाई थी. लेकिन अबकी बार जब मोहन भागवत बिहार आ रहे हैं तो राज्य में नई सरकार का पहले ही गठन हो चुका है. इस बार बीजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाई है. बहरहाल फिलहाल नई सरकार भागवत के स्वागत की तैयारी कर रही है, तो राजद भी नए मुद्दे की इस ताक में है.

Source :

Nitish Kumar RJD Tejashwi yadav नीतीश कुमार lalu prasad yadav तेजस्वी यादव Mohan Bhagwat मोहन भागवत लालू प्रसाद याद
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