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लुधियाना से बेटे का शव लेने आई मां, हालत देख फटा कलेजा

बगहा में सरकारी तंत्र की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्रशासन की संवेदनहीनता का एक ज्वलंत उदाहरण अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिला, जहां लुधियाना से आई मां अपने मरे हुए बेटे के शव को आखिरीबार गले भी नहीं लगा पाई.

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Vineeta Kumari
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लुधियाना से बेटे का शव लेने आई मां( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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बगहा में सरकारी तंत्र की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्रशासन की संवेदनहीनता का एक ज्वलंत उदाहरण अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिला, जहां लुधियाना से आई मां अपने मरे हुए बेटे के शव को आखिरीबार गले भी नहीं लगा पाई. शव की दुर्दशा देख मां बिहार सरकार पर जमकर बरसी. अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगाया. बता दें कि तीन दिन पहले ही भैरोंगंज थाने की पुलिस को एक पेड़ से लटका हुआ शव मिला, जिसे उन्होंने बरामद किया. शव की तलाशी के बाद वहां से एक मोबाइल फोन मिला. वहीं, छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक युवक लुधियाना का रहने वाला है. जिसके बाद मोबाइल के माध्यम से उसके परिजनों को इसकी सूचना दी गयी थी.

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शव की हालत देख मां का फूटा गुस्सा

इसके साथ ही पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया. मृत युवक रोहित की मां सोनिया ने कहा कि जैसे ही पुलिस का फोन आया, वह आनन-फानन में निकल पड़ी. मृतक की मां को यहां आने में दो दिन लगे. देर रात जब रोती-बिलखती मां अस्पताल पहुंची, तो बेटे के शव को पोस्टमार्टम कक्ष में लावारिस पड़ा देख उसकी हालत खराब हो गई. शव पूरी तह सड़ चुका था और वह उठाने लायक नहीं था. शव की दयनीय स्थिति देखकर बुढ़ी मां आक्रोशित हो गई और पूरे सिस्टम पर सवाल उठा दिया. साथ ही न्याय की गुहार लगाई. 

लावारिस हालत में फेंका हुआ था शव

मृत युवक के मां का कहना था कि उसके बेटे के शव को पोस्टमार्टम कक्ष में लावारिस हालत में फेंक दिया गया है. जिससे शव सड़ गया है और उठाने लायक भी नहीं है. इतना हीं नहीं महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के बाद चीर फाड़ वाले जगह को डॉक्टरों ने सिलाई भी नहीं किया है. बिना टांका लगाए ही शव को लावारिश हालत में छोड़ दिया गया है. बता दें कि उक्त युवक रोहित पावन चार दिन पूर्व लुधियाना से अपने गांव दरभंगा के जमालपुर जाने के लिए निकला था और इसी बीच उसकी लाश मिली.

लुधियाना से आई मां ने उठाया सवाल

वहीं, इस मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ केबीएन सिंह ने कहा कि सात वर्ष पहले अत्याधुनिक मोर्चरी भवन बनाया गया था. उद्घाटन के पहले ही वह खंडहर में तब्दील हो गया. लिहाजा शव को सुरक्षित रखने की अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद चीरफाड़ वाले जगह पर टांका लगाने के मामले को लेकर बताया कि कई दफा शव फूलने से भी टांका खुल जाता है. हालांकि उन्होंने शव को तत्काल नहीं देखा है. नतीजतन पूरा स्पष्ट नहीं बता सकते कि टांका टूटा है या लगाया ही नहीं गया.

HIGHLIGHTS

  • लुधियाना से बेटे का शव लेने आई मां
  • हालत देख फटा कलेजा
  • मां ने प्रशासन पर उठाया सवाल

Source : News State Bihar Jharkhand

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