कैमूर जिले में एक दिन की जन्मी नवजात बच्ची को कलयुगी मां द्वारा फेंकने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने बच्ची को नुमंडल अस्पताल मोहनिया में इलाज के लिए पहुंचाया लेकिन वहां से भी बच्ची गायब हो गई है. जिसके बाद अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. आपको बता दें कि सरकार द्वारा लावारिस बच्चों की देखभाल के लिए चाइल्ड लाइन बनाया है. लावारिस बच्चों को चाइल्ड लाइन सौंपने को लेकर लगातार जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. यहां तक कि अस्पतालों में वैसे बच्चों के लिए पालना लगाया गया है कि जो लोग अपना नाम उजागर नहीं कराना चाहते हैं वह पालने में बच्ची को छोड़ सकते हैं, जिसके बाद चाइल्ड लाइन के जरिए बच्ची की देखभाल सरकार दत्तक ग्रहण केंद्र के माध्यम से कराएगी.
कैमूर जिले में कलयुगी मां ने एक दिन की जन्मी नवजात बच्ची को मोहनिया थाना क्षेत्र के पनापुर के पास बधार में फेंका. जब ग्रामीणों की नजर पहुंची तो ग्रामीण मोहनिया थाना को सूचना देते हुए उसे अनुमंडल अस्पताल मोहनिया पहुंचाया, लेकिन वहां भी बड़ी लापरवाही देखने को मिली. अस्पताल प्रशासन ने बच्ची की इंट्री नहीं की ना ही चाइल्ड लाइन को सूचना इस मामले की जानकारी दी. इतना ही नहीं कुछ देर बाद बच्ची अस्पताल से गायब भी हो गई.
ग्रामीणों की माने तो कई बार नवजातों को बधारो में फेंका जाता है, तो उनको ग्रामीणों द्वारा अस्पताल पहुंचाया जाता है, लेकिन अस्पताल के बाद कितने नवजात अस्पताल के माध्यम से चाइल्ड लाइन को सौंपी जाती है इसकी जांच होनी चाहिए. पूरा मामला मोहनिया थाना क्षेत्र के पानापुर का है. कैमूर जिले में नवजात को गायब करने का यह नया मामला नहीं है इसके पहले भी चैनपुर पीएचसी पर नवजात को गायब करने को लेकर चैनपुर थाने में प्राथमिकी भी एक महिला द्वारा कराई जा चुकी है. घंटों सड़क भी जाम भी हुई थी. अब देखना होगा कि कैमूर जिला प्रशासन इसको कितना गंभीरता से लेती है.
Source : News Nation Bureau