बिहार के बक्सर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर खड़ी एक 'मां' की व्यथा है. अपनों से आहत होकर वह गंगा में डूबकर अपनी जान देने जा रही थी, गनीमत यह रही कि घाट पर मौजूद अज्ञात लोगों ने उसकी मंशा भांप ली और उसकी जान बचाई. इसके बाद लोगों ने उनसे अपनी पहचान बताने को कहा तो वह डबडबाई आंखों से अजनबियों को देखती रहीं, लेकिन अपने बेटों का नाम-पता नहीं बताया.
आपको बता दें कि यह घटना मंगलवार शाम को बक्सर शहर के नाथबाबा घाट पर हुई. लगभग 70 वर्षीय वृद्धा अचानक आई और बिना किसी डर के घाट से गंगा की ओर बढ़ने लगी. उसे गहरे पानी में जाता देख प्रत्यक्षदर्शियों ने उसे रुकने की चेतावनी दी. चेतावनी के बावजूद वह आगे बढ़ती रहीं. यह देख कुछ लोग दौड़े और उसे जबरन नदी से खींचकर घाट पर ले आये. वहीं, काफी पूछने के बाद भी महिला ने अपनी पहचान उजागर नहीं होने दी तो लोग उसे घाट के बगल स्थित सदर एसडीओ के आवास पर ले गये.
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घर वापस नहीं जाना चाहती थी महिला
इसके साथ ही आपको बता दें कि सदर एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने भी काफी कोशिश की, लेकिन महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई और सिर्फ इतना बताया कि घर में बेटा-बहू समेत भरा-पूरा परिवार है. वहीं, एक बेटा कहीं अधिकारी भी है, फिर भी वह अपने घर लौटना नहीं चाहती. इस कारण उसे सरकारी अल्पावास गृह भेज दिया गया. महिला के परिजनों का पता लगाया जा रहा है. प्रशासन ने इंटरनेट मीडिया पर विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में महिला की तस्वीर प्रसारित की है और लोगों से तस्वीर को अन्य ग्रुपों में साझा करने की अपील की है, ताकि उनकी पहचान की जा सके और उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जा सके. फिलहाल पुलिस इन सभी मुद्दों पर अपनी जांच कर रही है.
HIGHLIGHTS
- बक्सर से आई दर्दनाक खबर
- बच्चों से परेशान मां ने की आत्महत्या की कोशिश
- लोगों ने गंगा में कूदने से बचाया
Source : News State Bihar Jharkhand