केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार (Modi cabinet expansion) के बाद जेडीयू (JUD) में अंदरखाने से गहमागहमी बढ़ी हुई है. पार्टी के अंदर नाराजगी की चर्चा चल रही है. खासकर सांसद ललन सिंह (MP Lalan Singh) को लेकर जिन्हें केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया और आरसीपी मंत्री बन गए हैं. पार्टी की एकजुटता दिखाने को शनिवार को कार्यालय में एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh ) ने फिर से जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की और उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है.
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सांसद ललन सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को आरसीपी सिंह का फैसला बताया. उन्होंने कहा कि 2019 में पार्टी के अंदर चर्चा हुई थी और इस बार निर्णय हुआ. उन्होंने आगे कहा कि साल 2019 में नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उस वक्त जो प्रस्ताव आया था, उसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था. तब फैसला नीतीश कुमार ने पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया था.
सांसद ललन सिंह ने कहा है कि अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नहीं बल्कि आरसीपी सिंह हैं. आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार और पार्टी ने अधिकृत किया था कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर फैसला लें. उनके पास जो प्रस्ताव आया, उसके ऊपर आरसीपी सिंह ने फैसला किया.
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ललन सिंह ने कहा कि साल 2019 में जो फैसला हुआ था, उसके पहले पार्टी के नेताओं से चर्चा हुई थी. यह पूछे जाने पर कि क्या इस बार चर्चा की गई. ललन सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था. यह फैसला जरूर सुनने को आया कि पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो रही है.
पीएम मोदी के कैबिनेट फेरबदल से नाखुश हैं नीतीश कुमार?
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कैबिनेट फेरबदल से खुश नहीं हैं. कैबिनेट विस्तार में गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को सिर्फ एक मंत्रालय दिया गया है. केवल राम चंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) को शामिल कर उन्हें इस्पात मंत्रालय में जगह दी गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू कम से कम 2 कैबिनेट मंत्री पद चाहता था - एक आरसीपी सिंह के लिए और दूसरा नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी ललन सिंह के लिए. जैसा कि मोदी ने सिर्फ आरसीपी सिंह को ही शामिल किया है, इसलिए वह नहीं चाहते थे कि ललन सिंह नाराज हों.
Source : News Nation Bureau