कैमूर पहुंचे दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने नीतीश कुमार को शराबबंदी की समीक्षा करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर जिद पकड़ना भी सही नहीं है और राज्यों में जिस तरह से शराब बंदी लागू की गई है उसी के मॉडल को फॉलो करना चाहिए. बिहार में सिर्फ एक पक्ष से ही शराब बंदी लागू की गई है बाकी इसमें जो पक्ष होते हैं उनके द्वारा इस पर फोकस नहीं किया गया. उनके सहयोगी दलों की भी मांग है कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए और मेरी भी मांग है कि शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिए.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा बिहार में एक बात स्पष्ट हो गई है कि शराबबंदी सिर्फ एक पक्ष से ही है बाकी उसके पांच-छह और पक्ष होते हैं जो एग्जीक्यूट करने में लगे हुए हैं. देश में और भी राज्य हैं जहां शराबबंदी है, लेकिन उस शराबबंदी का अलग-अलग तरीका है. वहां पर शराब से बर्बाद होने वालों की संख्या भी कम है और जिनको शराब दवा के रूप में चाहिए उनको मिलती भी है. मैं नीतीश जी को कहना चाहता हूं कभी भी किसी बात पर एकदम से जिद नहीं पकड़नी चाहिए. उनके साथ जो सरकार में है वह भी मांग करते हैं कि इसकी समीक्षा करनी चाहिए. हम भी कहना चाहते हैं कि नीतीश जी बिहार में शराब की नीति को लेकर समीक्षा होनी चाहिए. जिससे नकली शराब बंद हो. शराब सार्वजनिक रूप से ना मिले, लेकिन शराब को लेकर दमनकारी नीति भी ना बने जिसके कारण सभी लोग व्यवसाय समझकर लग जाए.
जीतन राम मांझी भी कर चुके हैं मांग आपको बता दें कि हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी शराबबंदी समाप्त करने की मांग की थी. बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान मांझी ने कहा था कि बोधगया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कहने से नहीं, बल्कि विदेशी मेहमानों को खाने-पीने के चीज को प्रबंध करने से होगा, कोई भी बाहर के पर्यटक यहां रुक नहीं रहे हैं. यहां थोड़ी देर घूमकर सीधे बनारस और पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग जा रहे हैं. विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा? पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा था कि हम सीएम नीतीश जी से अंदर-अंदर ही शराबबंदी को समाप्त करने के लिए मांग करेंगे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जी से भी कह रहे इसे समाप्त करने के लिए उन्हें कहे.