पूर्व केंद्रीय मंत्री बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार में 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया, पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है. जिस पर बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार गैर कानूनी रूप से काम कर रही है. नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को सरकार आरक्षण देना नहीं चाहती थी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार सिर्फ अति पिछड़ों के उत्थान की बात करती थी. किस जाति को कितना आरक्षण निकाय चुनाव में देना है उसको लेकर आयोग का गठन करना जरूरी है. आयोग का काम होगा आंकड़ा इकट्ठा कर निकाय चुनाव में आरक्षण तय करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर जानकारी दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को आरक्षण देने को लेकर दिए गए निर्देश की अवहेलना की गई. बिहार सरकार के कानून मंत्रालय द्वारा हाई कोर्ट द्वारा इस तरह की अनदेखी के खिलाफ राज्य सरकार के फैसले को रोक लगाई. नीतीश कुमार से मेरा कुछ सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव को लेकर अति पिछड़ा समाज को आरक्षण देने को लेकर दिए गए निर्णय पर अनदेखी क्यों किया.
नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समाज के लिए फैसला इसलिए नहीं किया क्योंकि ईबीसी और ओबीसी के वोट बैंक ना खत्म हो जाए. सिर्फ वोट बैंक बचाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस विषय पर 6 फैसलों को अनदेखी किया. वहीं जब रविशंकर प्रसाद से नीतीश कुमार के सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दिए जाने का पूछा तो उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने के लिए सबका अधिकार है, राज्य सरकार भी जाए. मगर नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को आरक्षण देने को लेकर पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया, उन फैसलों के बाद कितना सार्थक होगा, राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना और समझा जा सकता है.
Source : News Nation Bureau