बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश साहनी के साथ बेगूसराय में चुनाव प्रचार करने पहुंचे. दोनों आइएनीआइए के भाकपा प्रत्याशी अवधेश कुमार राय के सपोर्ट में रैली को संबोधित किया. इस दौरान दोनों नेता ही आक्रामक नजर आए. साहनी और तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि अगर चाचा नहीं पलटते तो बिहार के कुल 10 लाख युवाओं को अभी तक रोजगार दे चुके होते. आगे साहनी ने कहा कि हम निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं. नीतीश कुमार को सपोर्ट कर उन्हें सीएम बनाया, लेकिन नीतीश कुमार ने हमारी ही पार्टी को तोड़ दिया और सड़क पर ले आए. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं मल्लाह का बेटा हूं.
'मैं मल्लाह का बेटा हूं'
जनसभा को संबोधित करते हुए साहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री अगर झूठ बोलने वाला हो तो उसे पांच साल में बदल देना चाहिए. 18 साल के युवाओं को अग्निवीर की 4 साल की नौकरी दे रहे हैं. जो सही नहीं है. उधर, मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकेश साहनी सहित कई लोगों के खिलाफ गुरुवार को परिवाद दायक किया गया है. यह परिवाद दायर बीएसपी नेता व अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर करवाया है. मामले में 27 अप्रैल 2024 को सुनवाई होगी. वहीं, मामला दर्ज कराते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की गई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दायर परिवाद में यह आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी भारतीय सार्थक पार्टी को नाव का सिंबल दिया था, जिसके बाद से वीआईपी पार्टी लगातार पार्टी का सिंबल छोड़ने और वापस करने का दबाव बना रही थी. इतना ही नहीं मुकेश साहनी और अन्य चुनावी रैली में पार्टी का सिंबल यूज कर रहे थे. बता दें कि मामले में आईपीसी की धारा 420, 467, 466, 471 और 171 के तहत अपराधिक मामला दर्ज कराया है. 19 अप्रैल को बिहार में पहले चरण में 4 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है.
HIGHLIGHTS
- मुकेश साहनी ने नीतीश कुमार पर लगाया आरोप
- कहा- पार्टी से निकाला क्योंकि 'मैं मल्लाह का बेटा हूं'
- मुकेश साहनी पर परिवाद दायर
Source : News State Bihar Jharkhand