मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले को देखते हुए बिहार के राज्यपाल ने राज्य के अधिकारियों को सभी शेल्टर होम में मॉनिटरिंग सिस्टम गठित करने का निर्देश दिया है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रशासन को यह निर्देश दिया है ताकि भविष्य में मुजफ्फरपुर जैसी घटना न हो।
24 जुलाई को मुजफ्फरपुर बालिका गृह के 11 कर्मचारियों को कथित रूप से यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शेल्टर होम पर छापेमारी की थी और 44 लड़कियों को छुड़ाया था।
सत्यपाल मलिक ने इस घटना की निंदा करते हुए पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखा। उन्होंने इस घटना को मानवता पर कलंक बताया।
राज्यपाल ने पत्र में लिखा, 'हर राज्य में लड़कियों के शेल्टर होम की गहन जांच होनी चाहिए और इसकी नियमित तौर पर निगरानी होनी चाहिए। इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए, जब कभी भी किसी बच्चो को आश्रय गृह दिया जाता है इसे बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत करनी चाहिए।'
इसके अलावा पत्र में सत्यपाल मलिक ने इस केस को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की है।
उन्होंने कहा है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की रिपोर्ट पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए जिसमें राज्य के अन्य जगहों पर ऐसी घटनाओं का जिक्र किया गया था।
TISS की रिपोर्ट राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई थी जिसके बाद उसने अधिकारियों को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
बालिका गृह में लगभग 34 नाबालिग लड़कियों से यौन उत्पीड़न के मामले की जांच रविवार को सीबीआई ने संभाल ली थी। एजेंसी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है।
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Source : News Nation Bureau