मुज्जफरपुर जिले के औराई में एक दर्जन से अधिक गांव मे बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिसके बाद प्रभावित ईलाके के लोग उच्ची जगह पर शरण लेने लगे हैं. बागमती परियोजना के उत्तरी और दक्षणी बांध के बीच स्थित गावों से ग्रामीण सुरक्षित जगह निकलने लगे है. बाढ़ आते ही फिर एक बार विस्थापितों का दर्द छलकने लगा है. पिछले कई वर्षों से बान्ध पर ही गुजर बसर कर रहे मुज्जफरपुर जिले के बभनगवा गांव के लोग. इन लोगों की जमीन बांध निर्माण में चली गयी, इसके बाद इन लोगों ने बांध पर शरण ले ली और तब से वहीं रह रहे है.
दरअसल मामला मुजप्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के बभनगामा का है जहां बांध के बन्ध जाने से लगभग सैकड़ों लोगो का परिवार बांध पर ही जिन्दगी बसर करने को है मजबूर हैं. बांध पर रह रहे लोगों के बच्चों की शादी व्याह में भी इसके चलते परेशानी हो रही है. कई लड़के लड़कियों की शादी बांध पर रहने के कारण नहीं हो पा रही है. लोग बांध पर गुजर बसर करने वाले परिवारों के साथ अपने बच्चों की शादियां नहीं करना चाहते. दरअसल बांध पर बसे लोगों को खानाबदोश समझकर कोई भी अपनी रिस्तेदारी उनके साथ नहीं करना चाहता है.
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वहीं देर रात्रि से कटौझा में बागमती के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिससे लखनदेई के तटबंध पर पानी का दबाव बनता जा रहा है. इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है ग्रामीण इसके चलते महिलाओं और छोटे बच्चों को अपने रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट कर रहे है. अपने छोटे बच्चों के साथ शहर जा रही महिला बताती है कि बाढ़ आ जाने से परेशानी हो रही है. इसलिये बच्चों को लेकर शहर जा रहे है यहां काफी कठिनाई हो रही है.
वहीं पूरे मामले पर औराई प्रखंड के सीओ शंकर लाल विश्वास ने बताया कि दो बांधो के बीच का ये इलाका है .जहां कुछ लोग घर बनाये हुए है या बस रहे है. वैसे लोगों के लिए ऊंची जगहों को चिन्हित कर भेजा जा रहा है. 11 जगहों को चिंहित किया गया है बांध और ऊंचे स्कूलों के भवनों में व्यवस्था की जा रही है.
हालांकि बाढ़ ने अब मुज़फ़्फ़रपुर जिले में भी दस्तक दे दी है. उससे निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारी के दावे भी किये जा रहे हैं. लेकिन वर्षो से बांध पर रहने वाले इन विस्थापितों को भी एक उम्मीद जगी है कि अब कहि उनके लिए भी सरकार कोई व्यवस्था करे और उनके परेशानियों का भी निदान हो .
Source : Aslam Akhtar