Muzaffarpur Crime News: कोर्ट को न्याय का मंदिर कहा जाता है, जहां बेगुनाहों को इंसाफ और गुनहगारों को सजा मिलती है, लेकिन सोमवार को कोर्ट परिसर से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. केस नहीं उठाने को लेकर आरोपियों ने रेप पीड़िता को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिससे कोर्ट परिसर की गरिमा पर सवाल खड़े हो गए हैं.
हमले की चौंकाने वाली घटना
आपको बता दें कि रोजाना कोर्ट में कई केस की सुनवाई होती है, जिसमें वकील से लेकर अपने जरूरी काम से पहुंचे लोगों की भीड़ होती है, लेकिन इस भीड़ के बीच एक बेबस महिला की चीखें अनसुनी रह गईं. सोमवार को कोर्ट परिसर में कुछ आरोपियों ने रेप पीड़िता पर हमला कर दिया. पीड़िता सड़क पर गिरकर रहम की भीख मांगती रही, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी और उसे बेरहमी से पीटते रहे. इस दौरान वहां मौजूद लोग मूकदर्शक बने रहे. जब पीड़िता के परिजन बीच-बचाव करने आए, तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की.
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पुलिस की देरी और अस्पताल में पीड़िता की हालत
वहीं मामला बढ़ता देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को जानकारी मिली, लेकिन जब तक वे मौके पर पहुंचे, हमलावर आरोपी वहां से फरार हो चुके थे. पीड़िता दर्द से कराहती रही, जिसके बाद आस-पास के लोगों की मदद से उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता के पेट, कमर, पीठ, सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं और उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
घटना के पीछे की कहानी
बता दें कि पीड़िता ने अस्पताल में एक मीडिया से बातचीत में बताया कि वह सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली है और वर्तमान में नगर थाना क्षेत्र में रहती है. मोतीपुर के आरोपी युवक के साथ उसकी शादी की बातचीत चल रही थी, लेकिन किसी कारणवश उसके माता-पिता ने शादी के लिए मना कर दिया. इसके बाद आरोपी युवक ने उसके साथ रेप किया. इसको लेकर पीड़िता ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी और मामला कोर्ट में चल रहा है. पिछले साल आरोपी की जमानत खारिज हो गई थी, जिसके बाद से सभी आरोपी उससे नाराज और गुस्सा थे.
धमकी और हमले का दिन
साथ ही सोमवार को पीड़िता के केस की तारीख थी, जिसमें वह कोर्ट पहुंची थी. कोर्ट की कार्यवाही पूरी करने के बाद वह अपने परिजनों के साथ घर जा रही थी, तभी कुछ युवक उसे धमकी देने लगे. महिला के नहीं मानने पर उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी और आक्रोश में आकर उसे पीटने लगे.
पुलिस की कार्रवाई
इसके अलावा आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने एक मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है और आवेदन मिलने पर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, ये घटना न्यायपालिका और समाज दोनों के लिए एक गंभीर चुनौती है. न्याय का मंदिर कहे जाने वाले कोर्ट परिसर में इस तरह की घटना का होना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाता है. न्याय की गुहार लगाने वाली पीड़िता के साथ हुई इस बर्बरता का शीघ्रता से समाधान होना चाहिए ताकि न्याय का मंदिर वाकई में न्याय का प्रतीक बना रहे.