बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की जमानत याचिका को बेगूसराय की एक अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया. वर्मा शस्त्र अधिनियम (आर्म्स एक्ट) मामले में जेल में बंद हैं. बेगूसराय के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने वर्मा की जमानत याचिका की सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. मंजू वर्मा के अधिवक्ता प्रभाकर कुमार वर्मा ने बताया कि बीमारी की वजह बताकर अदालत से जमानत की गुहार लगाई गई थी.
उन्होंने आगे बताया कि जिस मकान से कारतूस की बरामदगी पुलिस द्वारा की गई है वह मंजू वर्मा के हिस्से का मकान नहीं है बल्कि 50 परिवारों की संयुक्त संपत्ति है, जिसमें कोई भी आ-जा सकता है.
इन दलीलों को ध्यान से सुनने के बाद अदालत ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज कर दी.
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उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बालिका आवास गृह में लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले की जांच के क्रम में सीबीआई द्वारा पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर पर छापेमारी की गई थी और मकान के एक कमरे से 50 गोलियां (कारतूस) बरामद की गई थी. मुजफ्फरपुर आवास गृह मामले के प्राकश में आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
20 नवम्बर 2018 को आत्मसमर्पण करने के बाद से वर्मा बेगूसराय की जेल में बंद हैं.
Source : News Nation Bureau