छपरा में मशरख प्रखंड के सोनौली पंचायत में एक पाकिस्तानी नागरिक का वोटरलिस्ट में वार्ड संख्या पांच में नाम और फोटो दर्ज को लेकर चर्चाओं का बाजार तेज है. सोनौली पंचायत की पूर्व मुखिया चंपा देवी के पति संतोष कुमार द्वारा मशरख प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद आसिफ को एक आवेदन देकर इसकी जांच कराने की बात कही गयी है. वहीं उन्होंने बीएलओ व अन्य लोगों पर साजिश के तहत नाम दर्ज करने व पाकिस्तानी नागरिक का देश की वोटरलिस्ट में नाम दर्ज होने पर देश की गोपनीयता भंग होने का भी अंदेशा जताया है. वोटर लिस्ट में दर्ज नाम अख्तर इमाम खां है, जिनका जन्म सोनौली में ही हुआ है लेकिन देश बंटवारे के समय वो पाकिस्तान चले गये थे और वहीं की नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं.
तब से लेकर अब तक वह भारत नहीं लौटे फिर उनका नाम भारत के निर्वाचन लिस्ट में क्यों है. वहीं आवेदन प्राप्ति के बाद मशरख बीडीओ ने तत्काल ही फॉर्म सात भरकर अख्तर इमाम खां के नाम को डिलीट कर दिया और प्रखण्ड प्रशासन की टीम मामले की जांच में जुट गई है. वहीं पाकिस्तानी नागरिक होने की बात सुनकर अख्तर इमाम खां के बड़े भाई अजहर इमाम खां और सोनौली पंचायत के वर्तमान मुखिया इम्तियाज खान उर्फ चुन्नू ने बताया कि यह राजनीतिक प्रोपगेंडा है.
अख्तर इमाम खां एक गरीब परिवार से थे और काम के सिलसिले में 1979-80 में घर से निकले थे. जिसके बाद उनकी कोई खबर परिवार और गांव को नहीं मिली. उन्होंने कभी भी परिवार से संपर्क करने की कोशिश नहीं की. गांव के कुछ लोग जो दुबई रहते हैं, उनसे जानकारी हुई कि वो दुबई रहते थे और फिलहाल 2-2.30 साल पहले ही उनका इंतकाल हो गया. जिसे दुबई में ही वहां के लोगों द्वारा कर दिया गया, जो व्यक्ति घर नहीं लौटा और वह दुबई में देखा गया तो उसे पाकिस्तानी नागरिक का संबोधन किस आधार पर दिया जा रहा है.
वहीं इस मामले में जहां एक तरफ पूर्व मुखिया प्रतिनिधि ने अख्तर इमाम खां को देश बंटवारे के समय ही पाकिस्तान चले जाने और वहां का नागरिकता प्राप्त होने का दावा किया है तो वहीं अख्तर इमाम खां के बड़े भाई अजहर इमाम खां ने बताया कि अख्तर इमाम खां की पढ़ाई लिखाई यही से हुआ है और वे शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत रोजी रोजगार के तलाश में निकले थे. जिसके बाद कभी गांव और घर नहीं लौटे, गांव और रिश्तेदार के कुछ लोग उन्हें दुबई में देखा था, जहां उनका इंतकाल हो गया.
अब सवाल यह बनता है कि अख्तर इमाम खां चाहे पाकिस्तान रहते हो या दुबई, जब पांच या उससे अधिक दशकों से भारत के बाहर है तो उनका नाम भारत के निर्वाचन लिस्ट में आखिर किस प्रकार से जुड़ गया. यह सोचनीय है, नये वोटर लिस्ट में उनका नाम उनके फोटो के साथ कैसे जुड़ा. इस मामले में बीडीओ महम्मद आसिफ ने बताया कि आवेदन प्राप्त होते ही बीएलओ से स्पष्टीकरण की गई. इसके साथ ही फॉर्म 7 भरवाकर उनका नाम डिलीट करवाया गया. साथ ही साथ प्रखण्ड प्रशासन द्वारा एक टीम गठित कर पूरे मामले की जांच की जा रही है.
रिपोर्टर- बिपिन कुमार मिश्रा
Source : News Nation Bureau