Advertisment

NDA Vs INDIA: अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी NDA, क्या INDIA के गठन से घबरा गई BJP?

विपक्षी एकता को देखते हुए एक बार फिर से BJP एनडीए के कुनबे को बढ़ाने में जुटी है. NDA के निर्माण का 25 साल पूरा हो गया है, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 9 सालों में एनडीए की एक भी बैठक नहीं हुई थी.

author-image
Jatin Madan
New Update
nda meeting

9 सालों से एक भी बार नहीं हुई थी NDA की बैठक.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

Advertisment

विपक्षी एकता को देखते हुए एक बार फिर से BJP एनडीए के कुनबे को बढ़ाने में जुटी है. NDA के निर्माण का 25 साल पूरा हो गया है, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 9 सालों में एनडीए की एक भी बैठक नहीं हुई थी. 18 जुलाई को NDA की बैठक बुलाई गई थी. अब सवाल ये उठता है कि क्या विपक्षी दलों के INDIA के गठन से बीजेपी घबरा गई है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि पिछले 9 सालों में पीएम मोदी को एनडीए की याद नहीं आई. अब जब विपक्ष ने एकजुट होकर INDIA नाम से एक नया गठबंधन बनाया तो उन्हें एनडीए के बैठक की याद आ गई. डर ऐसा कि बीजेपी ऐसे दलों के साथ बैठक कर अपने गठबंधन का पार्ट बना रही है. जिसका कोई वजूद ही नहीं. यहां तक कि एनडीए का कन्वेनर कौन है. इसका भी कुछ अता पता नहीं. 

RJD ने किया वार

वहीं, आरजेडी का कहना है कि एनडीए के अंदर नार्थ ईस्ट के 7 दल हैं. जबकि सीट वहां केवल 6 है. इंडिया के गठन के बाद बीजेपी घबरा गई है. यही वजह है कि छोटे-छोटे दलों के दरवाजे पर अब बीजेपी जा रही है.

विजय सिन्हा ने किया पलटवार

वहीं, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने विपक्ष के हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी का मूल मंत्र है सबका साथ और सबका विकास. पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी एनडीए के घटक दलों के सहयोग से इसी मंत्र पर काम किया जा रहा, जो दल कांग्रेस विरोध से आग बढ़े. वही दल उनके साथ मिलकर भारत को लूटने का अभियान चला रहे हैं.

बीजेपी को होगा राजनीतिक फायदा

वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षी एकता की बैठक के बाद बीजेपी ने एनडीए के बारे में फिर से सोचना शुरू कर दिया है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय के मुताबिक एक समय ऐसा था. जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्षेत्रीय क्षत्रपों को समाप्त करने की बात कह रहे थे. आज वही बीजेपी सभी छोटे-छोटे दलों को एक साथ कर 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटी है. इन छोटे दलों के गठबंधन से बीजेपी को राजनीतिक फायदा तय है. क्योंकि इनका अपने-अपने इलाकों में राजनीतिक रूप से प्रभाव है.

ये भी पढ़ें-मणिपुर कांड: Zero बनकर ही रह गई एन. बिरेन सिंह पुलिस की जीरो FIR

INDIA के गठन के बाद हुई NDA की बैठक

जेपी नड्डा ने बिहार के एक राजनीतिक कार्यक्रम में क्षेत्रीय क्षत्रपों को समाप्त करने की बात कही थी. उन्ही के इस बयान को आधार बनाकर जेडीयू ने बीजेपी से अपना नाता तोड़ा था, लेकिन विपक्षी दलों के INDIA के गठन के बाद बीजेपी भी अब खुलकर सहयोगी दलों की बात करने लगी है. तभी तो एनडीए के घठक दलों की बैठक में 38 पार्टियां शामिल हुई थीं. ये कहना गलत नहीं होगा कि 2024 की लड़ाई बीजेपी के लिए इतनी भी आसान नहीं दिख रही..जितनी वो समझते हैं. हकीकत जो भी हो, लेकिन राजनीतिक रूप से कमजोर दिखने वाली छोटी-छोटी पार्टियों की अहमियत 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर बढ़ गई है.

रिपोर्ट : आदित्य झा

HIGHLIGHTS

  • अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी NDA
  • क्या INDIA के गठन से घबरा गई NDA?
  • 9 सालों से एक भी बार नहीं हुई थी NDA की बैठक
  • INDIA के गठन के बाद हुई NDA की बैठक

Source : News State Bihar Jharkhand

Bihar Politics Bihar News election 2024 NDA Vs INDIA
Advertisment
Advertisment