कुशवाहा के बयान पर नीरज का पलटवार, कहा- नीतीश के शासन काल में हुआ पिछड़ों का विकास
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आरोप लगाया है कि पिछले 35 वर्षों के शासनकाल में बिहार में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग का कोई कल्याण नहीं हुआ.
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आरोप लगाया है कि पिछले 35 वर्षों के शासनकाल में बिहार में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग का कोई कल्याण नहीं हुआ. उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में जितना पिछड़ा अति पिछड़ा एवं दलित वर्गों का ख्याल रखा गया उतना शायद कभी नहीं हुआ था. नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को महादलित के द्वारा झंडोत्तोलन की परंपरा की शुरुआत की गई. लोकसभा में अभी भी पांच सांसद पिछड़े वर्ग के हैं.
नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष का पद उदय नारायण चौधरी को दिया गया. विधान परिषद के सभापति पद पर एक अल्पसंख्यक को बैठाया गया. पंचायत से लेकर विधानसभा तक में पिछड़ों एवं अधिकारों की भागीदारी सुनिश्चित की गई. अब उपेंद्र कुशवाहा को कितना सबूत चाहिए.
आपको बता दें कि इन दिनों JDU में दो फाड़ नजर आ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा महा गठबंधन सरकार के खिलाफ एवं जदयू के खिलाफ मुखर होकर विरोध करने लगे हैं. उन्होंने पिछले 35 वर्षों के शासनकाल में पिछड़ों वर्ग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव का आरोप लगाया था. उनके इस बयान का बीजेपी ने समर्थन किया है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन नवीन ने कहा कि पिछले 35 वर्षों के शासनकाल में कुछ परिवारों का विकास हुआ. शासन एवं सत्ता में सिर्फ परिवार की भागीदारी देखने को मिली. नितिन नवीन ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि जो नीतीश कुमार जंगलराज की बात करते थे वह आज खुद जंगलराज के संरक्षक के रूप में खड़े दिख रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह अपने आगे जदयू में किसी को नहीं देखना चाहते यही कारण है कि जदयू देश की एकमात्र पार्टी है जिसके कोई भी पूर्व अध्यक्ष इस पार्टी में नहीं है.