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NEET Paper Leak: चिंटू और मुकेश को लेकर अस्पताल पहुंची CBI, मेडिकल जांच के बाद होगी पूछताछ

नीट पेपर लीक पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई की टीम ने पटना बेऊर जेल में बंद आरोपी चिंटू और मुकेश की सात दिनों की रिमांड मांगी थी. अदालत ने इसे मंजूर कर लिया जिसके बाद सीबीआई दोनों आरोपियों को लेकर मेडिकल जांच के लिए पटना के एक अस्पताल पहुंची. जहां मेडिलक जांच के बाद सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी.

Updated on: 27 Jun 2024, 02:34 PM

highlights

  • आरोपियों को लेकर अस्पताल पहुंची CBI
  • चिंटू और मुकेश का होगा मेडिकल टेस्ट
  • जांच के बाद सीबीआई करेगी पूछताछ

Patna:

NEET पेपर लीक को लेकर सीबीआई जांच शुरू कर चुकी है. वहीं, सीबीआई ने पेपर लीक मामले में करीब 11 लोगों से पूछताछ की. जिसके बाद कुछ लोगों को छोड़ दिया गया तो वहीं पेपर लीक कांड में शामिल दो आरोपी चिंटू और मुकेश को सीबीआई ने रिमांड पर ले लिया है. सीबीआई ने दोनों को रिमांड पर लेते हुए पटना के एक अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लेकर पहुंची, जहां मेडिकल के बाद दोनों से पूछताछ की जाएगी. बता दें कि सीबीआई को पटना के बेऊर जेल में बंद बालदेव कुमार उर्फ चिंटू और मुकेश की सात दिनों की रिमांड मिली है. सीबीआई ने पूछताछ के बाद पटना सिविल कोर्ट से दोनों की रिमांड मांगी थी, जिसकी अदालत ने अनुमति दे दी.

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CBI को मिली पिंटू और मुकेश के सात दिनों की रिमांड 

आपको बता दें कि EOU ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के करीबी चिंटू और मुकेश को बीते दिन देवघर से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को पटना लाया गया और फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपियों को पटना के बेऊर जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जिसके बाद सीबीआई ने संजीव मुखिया के करीबी चिंटू और मुकेश की सिविल कोर्ट से रिमांड की मांग की थी, जिसे मंजूरी दे दी गई. बेऊर जेल के अधीक्षक ने सुबह 11 बजे चिंटू और मुकेश को सीबीआई को सौंप दिया. चिंटू ने पेपर लीक मामले में अहम भूमिका निभाई थी. वह अपनी गाड़ी से नीट अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र की तैयारी के लिए ले जाया करता था. सीबीआई अगले सात दिनों तक दोनों आरोपियों से पूछताछ करेगी.

5 मई को हुआ था नीट परीक्षा पेपर

मालूम हो कि 5 मई को नीट का एग्जाम लिया गया था. एग्जाम के बाद ही पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इसकी जानकारी EOU को दी गई. मामले में कार्रवाई करते हुए EOU ने पड़ोसी राज्य झारखंड से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.