तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारी कमल किशोर मंडल अपने विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए. अब वह पीजी विभाग के छात्रों को बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर के विचार पढ़ाएंगे क्योंकि इंटर और स्नातक की पढ़ाई यहां नहीं होती है, उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त करने की फाइल पर वीसी प्रफेसर जवाहरलाल ने दस्तखत कर दिए. बता दें कि 2003 में आरडी व डीजे कॉलेज मुंगेर से पीजी विभाग में वह यहां आए थे. पहले वह नाइट गार्ड थे, फिर वह चपरासी बने और अब असिस्टेंट प्रोफेसर कमल किशोर ने बताया कि उन्होंने चपरासी के पद से इस्तीफा दे दिया है और गुरुवार को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन कर लिया. मुंदीचक के रहने वाले कमल किशोर के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था.
लोगों ने खड़े किए गए सवाल पर कभी नहीं माना हार
जिस पढ़ाई के बल पर उन्होंने शिक्षक का पद प्राप्त किया उनकी उसी पढ़ाई पर विश्वविद्यालय के वरीय अधिकारी ने सवाल खड़े कर दिए थे. हां-ना करते आखिरकार तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने फाइल पर दस्तखत कर दिया और कमल किशोर मंडल एक चपरासी से अपने ही विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं. सच्ची लगन और निष्ठा के साथ मेहनत करने वाले कमल किशोर मंडल ने कहा कि अंबेडकर विचार विभाग में मैं चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहा था. उसी दरमियान मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखा और विश्वविद्यालय से लिखित आदेश लेकर पीजी किया.
उसके बाद पीएचडी और नेट भी क्वालीफाई किया और सहायक प्रोफेसर की परीक्षा पास की. आज मैं जिस विभाग में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का कार्य कर रहा था, उसी विभाग में में सहायक प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया. मुझे बहुत खुशी है और मैं इसकी उपलब्धि अपने पूरे परिवार के सदस्यों को देना चाहता हूं. साथ ही उन्होंने बताया कि मेरे साथ विश्वविद्यालय में कुछ परेशानियां आई, लेकिन अंततः परिणाम मेरी ओर हुआ और इस समय विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों का भी शुक्रिया अदा करता हूं.
अंबेडकर विचार विभाग के विभागाध्यक्ष विलक्षण रविदास ने कहा कि प्रतिभा के धनी कमल किशोर मंडल काफी मेहनती हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय से आदेश लेकर पढ़ाई करने का जो निर्णय लिया, वह आज दुआ से ही सार्थक हुआ.
रिपोर्टर- आलोक कुमार झा
Source : News State Bihar Jharkhand