23 जून को पटना में विपक्षी दलों की अहम बैठक भी होने वाली है, लेकिन इस बैठक से पहले ही नीतीश कुमार को तगड़ा झटका लगा है. महागठबंधन में दरार पड़ गई है. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने इस्तीफा दे दिया है. एक तरफ तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 की जंग के लिए नया मोर्चा बनाने में जुटे हैं. विपक्षी एकता को नई धार देने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं 23 जून को पटना में होने वाली ही विपक्ष की बैठक से पहले बिहार में बड़ा खेल हो गया है.
संतोष सुमन मांझी का इ्स्तीफा
विपक्षी नेताओं के जुटान से पहले महागठबंधन की अहम सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नीतीश को बड़ा झटका दे दिया है. नीतीश सरकार में मंत्री और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. संतोष सुमन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग संभाल रहे थे. उनके इस्तीफे ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है. संतोष सुमन मांझी ने इस्तीफे की कई वजह बताईं. उन्होंने कहा कि फैसला किसी दबाव में नहीं पार्टी के हित में लिया गया है. संतोष सुमन ने ये भी साफ कहा कि इस्तीफा देने का फैसला सोच समझ कर लिया गया है और अब फैसला वापसी का मतलब नहीं है. हालांकि उन्होंने अभी गठबंधन छोड़ने की बात नहीं कही है.
जीतन राम मांझी के बेटे हैं संतोष
दरअसल, संतोष मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा का जेडीयू में विलय को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, हमें जेडीयू में विलय के लिए मजबूर किया जा रहा है. 23 जून की विपक्षी दल की बैठक में नहीं बुलाने से भी वे नाराज दिखे, लेकिन कहा कि अगर बुलाएंगे तो जाएंगे. हालांकि बीजेपी से गठबंधन के सवाल पर संतोष सुमन ने कहा कि अभी इस पर कोई बात नहीं हुई है.
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कैसे मजबूत होगी विपक्षी एकता ?
दरअसल माना जा रहा है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 'महागठबंधन' में हम के लिए कम से कम पांच सीटों की मांग की थी और उनकी इस मांग को तवज्जो नहीं मिली. वहीं, जीतन राम मांझी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराजगी की एक और वजह भी है. नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है, लेकिन जीतन राम मांझी को उसका न्योता नहीं भेजा है.
क्या बीजेपी में जाएंगे जीतन राम मांझी ?
संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि जीतन राम मांझी नीतीश का साथ छोड़ सकते हैं. हालांकि इसी साल 27 फरवरी को जीतनराम मांझी ने विधानमंडल की बैठक में कहा था कि कसम खाकर कहता हूं, नीतीश कुमार का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा. ये बयान उन्होंने तब दिया था जब नीतीश कुमार ने कहा था कि जीतनराम मांझी पर बीजेपी की नजर है.
इस्तीफे के बाद गरमाई सियासत
दरअसल बीजेपी के साथ जाने की अटकले इसलिए भी तेज हुई क्योंकि जीतन राम मांझी 13 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी. हालांकि उस वक्त पार्टी ने इस मुलाकात पर सफाई देते हुए कहा था कि ये राजनीतिक बैठक नहीं थी. संजय मयूख के इस्तीफे के बाद बीजेपी एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमलावर हो गई है. बीजेपी नेता संजय मयूख ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ अब रह कौन गया है..एक एक कर सब साथ छोड़ रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बिहार में नीतीश को झटका
- महागठबंधन में पड़ी दरार
- संतोष सुमन मांझी का इ्स्तीफा
- जीतन राम मांझी के बेटे हैं संतोष
Source : News State Bihar Jharkhand