बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है. बुधवार को जहां सदन काफी हंगामेदार रहा तो वहीं गुरुवार को भी सदन पहले हंगामे की भेंट चढ़ा और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद 2 बजे फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस बीच अचानक से सीएम नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर आगबबूला हो उठे और बोला कि उनकी गलती की वलह से साल 2014 में जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था. नीतीश यही नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि मांझी को कोई समझ नहीं है और ना ही कोई सेंस नहीं है. वह मेरी गलती की वजह से सीएम बना, कुछ भी बोलता रहता है.
जीतन राम मांझी पर भड़के नीतीश
आपको बता दें कि विधानसभा में जैसे ही आरक्षण को बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया, उस पर मांझी सदन में बोलने लगे. इस दौरान उनकी बातों को सुनकर सीएम नीतीश को गुस्सा आ गया और वह मांझी पर भड़क उठे. इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह आप लोग के पीछे घूम रहा है और गर्वनर बनना चाहता है, इसको गर्वनर बनवा दीजिए. इस बीच अशोक चौधरी नीतीश को शांत कराते नजर आए.
गुरुवार को बिहार विधानसभा में गुरुवार को आरक्षण को बढ़ाने का विधेयक पास किया गया. आरक्षण विधेयक को विजय चौधरी ने पेश किया. आपको बता दें कि कैबिनेट के तरफ से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. फिलहाल राज्य में ओबीसी, ईबीसी, एससी और एसटी वर्ग को 50 फीसदी ही आरक्षण मिल रहा है. जिसे अब 65 फीसदी किया जाएगा. वहीं, इसके अलावा ईडब्लूएस कैटगरी में अलग से 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यानि कुल मिलाकर आरक्षण को 75 फीसदी बढ़ाया जायेगा.